कितनी कंपनियां यूपी छोड़कर दूसरे राज्यों में गईं? विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे सके मंत्री नंदी, सुरेश खन्ना ने संभाला मोर्चा
विधानसभा में गुरुवार को औद्योगिक विकास मंत्री समाजवादी पार्टी के सदस्यों के अनुपूरक सवालों का जवाब नहीं दे सके। उन्होंने सवालों का जवाब देने के बजाये विभाग द्वारा हासिल उपलब्धियों और लिखित जवाब...
विधानसभा में गुरुवार को औद्योगिक विकास मंत्री समाजवादी पार्टी के सदस्यों के अनुपूरक सवालों का जवाब नहीं दे सके। उन्होंने सवालों का जवाब देने के बजाये विभाग द्वारा हासिल उपलब्धियों और लिखित जवाब को ही पढ़ा। इस पर सपा सदस्यों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया तो संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने स्थिति संभाली और विपक्ष को पूरी मजबूती से जवाब दिया। हुआ यूं कि सपा की डा. रागिनी ने जानना चाहा कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-4 में कितने उद्योगों ने निवेश कर कार्य प्रारंभ कर दिया है और कितनी धनराशि का अब तक निवेश हो चुके है। उन्होंने अनुपूरक सवाल के रूप में पूछा कि कितनी कंपनियां उत्तर प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों में चली गई हैं। उन्होंने कहा कि सैमसंग जैसी कंपनी यहां से छोड़कर कर्नाटक चली गई है। इस पर नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने सदन में दिया गया लिखित जवाब पढ़ना शुरू कर दिया।
1.14 लाख करोड़ का निवेश के कार्य शुरू
नंदी ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश में निवेश को धरातल पर उतारने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। फरवरी 2024 में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 (जीबीसी 4.0) में परियोजनाओं के शुभारंभ के 5 माह के अंदर प्रदेश में 1.14 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में कुल 14701 परियोजनाओं में 10 लाख 81 हजार करोड़ रुपये के निवेश धरातल पर उतारने की कार्रवाई की गई थी। इसमें 34 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होने की संभावना है। अब तक 3984 परियोजनाओं का वाणिज्यिक संचालन प्रारंभ हो चुका है, जिसमें कुल एक लाख 14 हजार 345 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इस पर भी सपा सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। तो सुरेश खन्ना ने स्थिति संभाली।
यूपी छोड़कर नहीं गई है सैमसंग की यूनिटः सुरेश खन्ना
सैमसंग की यूनिट के यूपी से कर्नाटक शिफ्ट होने के सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि हमारा इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट 22.09 है जो भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन की रिपोर्ट के आधार पर है। यह प्रदेश की बेहतर फाइनेंशियल प्रोग्रेस को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि सैमसंग की इंडस्ट्री के विषय में जो सवाल पूछा गया है, ऐसा लगता है कि सदस्य को सही जानकारी नहीं है। यहां पर सैमसंग की मोबाइल डिस्प्ले लगाने की जो इंडस्ट्री लगी थी वो आज भी फंक्शनल है और बड़े पैमाने पर उसमें प्रोडक्शन चालू है। इकाइ लगाते समय कंपनी के साथ जो भी कमिटमेंट किया गया था और जिस बात के लिए उनसे सहमति हुई थी, उसका इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। जितना भी जीएसटी का मामला था वो निस्तारित हो गया है। कंपनी उत्तर प्रदेश छोड़कर नहीं गई है। बाकी कहां निवेश करना है, कहां निवेश का विस्तार करना है ये कंपनी अपने व्यापार के अनुकूल तय करती है।
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