बिजली चोरी पकड़ने के लिए होगा ये खास इंतजाम, विभाग ने बनाया प्लान
राज्य में सभी उपभोक्ताओं के परिसर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के साथ ही बिजली वितरण सिस्टम को भी मीटर से लैस किया जाएगा। इसके लिए सभी फीडर और ट्रांसफार्मर पर मीटर लगाए जाएंगे।
राज्य में सभी उपभोक्ताओं के परिसर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के साथ ही बिजली वितरण सिस्टम को भी मीटर से लैस किया जाएगा। इसके लिए सभी फीडर और ट्रांसफार्मर पर मीटर लगाए जाएंगे। इन मीटरों के लग जाने से फीडर व ट्रांसफार्मर पर पड़ रहे लोड की जानकारी आसान हो जाएगी। इसके साथ ही यह भी पता चलेगा कि किस फीडर अथवा ट्रांसफार्मर से बिजली चोरी अधिक है।
फीडर व ट्रांसफार्मर पर मीटर तथा अन्य कामों के लिए 18885 करोड़ स्वीकृत
केंद्र सरकार की योजना रिवैम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत राज्य में बिजली वितरण प्रणाली को बेहतर करने के लिए 18885 करोड़ 24 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। इस धनराशि से फीडर व ट्रांसफार्मरों पर मीटर लगाया जाना है। इन मीटरों की खरीद का टेंडर हो चुका है। इन मीटरों को लगाने का काम जल्द शुरू होगा। फीडर व ट्रांसफार्मर पर लगने वाले मीटर से बिजली विभाग को बगैर किसी मशक्कत के यह जानकारी मिल जाएगी कि किस फीडर अथवा ट्रांसफार्मर से बिजली की चोरी हो रही है।
मीटर से पता चलेगा कि बिजली चोरी किस क्षेत्र में हो रही है
मीटर बताएंगे कि फीडर व ट्रांसफार्मर से जुड़े वैध कनेक्शन को कितनी बिजली गई और कितनी बिजली चोरी हुई। जिसके आधार पर बिजली कर्मी बिजली चोरी करने वाले तक आसानी से पहुंच सकेंगे। उ.प्र. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज के मुताबिक फीडर व ट्रांसफार्मर पर सिस्टम मीटरिंग हो जाने से लाइनलास कम करने में मदद मिलेगी। मीटर की खरीद के लिए टेंडर हो चुका है।
आरडीएसएस के तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में विद्युत प्रणाली को सुदृढ़ करने का काम भी स्वीकृत हुआ है। इस काम में 16489 करोड़ 61 लाख रुपये खर्च किए जाने हैं। पावर कारपोरेशन का लक्ष्य 2024-25 तक बिजली आपूर्ति की लागत और राजस्व वसूली के अंतर को शून्य करने की है। यह अंतर शून्य होने पर कारपोरेशन का घाटा बढ़ना बंद हो जाएगा।