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कोरोना काल में बढ़ रही मानसिक समस्‍या, आ रहे डरावने सपने  

एक तरफ जहां लॉकडाउन-चार खत्म होने को है वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। अधिकतर को कोरोना सपने में डरा है। यहां आ रहे मरीजों की शिकायत है कि जागते समय तो कोरोना...

कोरोना काल में बढ़ रही मानसिक समस्‍या, आ रहे डरावने सपने  
वरिष्‍ठ संवाददाता ,गोरखपुर Fri, 29 May 2020 04:44 PM
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एक तरफ जहां लॉकडाउन-चार खत्म होने को है वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। अधिकतर को कोरोना सपने में डरा है। यहां आ रहे मरीजों की शिकायत है कि जागते समय तो कोरोना का भय है ही सोते वक्त भी सपने में आकर यह बीमारी डरा रही है। 

यह हाल तब है जब अभी जिला अस्पताल में मानसिक विभाग की ओपीडी भी नहीं खुली है। ऐसे में फ्लू कॉर्नर की ओपीडी में इलाज कर रहे डॉक्टर उन्हें पुरानी दवा खाने की सलाह देकर घर भेज रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह लगातार लॉकडाउन का असर और टीवी पर चल रहे कोरोना न्यूज का असर है। 

जिला अस्पताल में इस वक्त इमरजेंसी ओपीडी में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है। जहां लॉकडाउन दो और तीन में मरीजों की संख्या 200-240 के बीच होती थी। अब यह संख्या बढ़कर 650-700 हो गई है। इन मरीजों में प्रतिदिन 15 से 20 मरीज मानसिक रोग के पहुंच रहे हैं। फ्लू ओपीडी कॉर्नर में मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर राजेश ने बताया कि अब मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन मरीजों में मानसिक रोगी भी शामिल है। मानसिक रोगी के मरीज सिर दर्द, कोरोना का सपना आना, कोरोना होने का डर आदि की समस्याएं लेकर पहुंच रहे हैं। 

ऐसे में मरीजों को पुरानी दवा खाने की सलाह देकर घर भेजा जा रहा है। बताया कि अब तक मानसिक विभाग की ओपीडी शुरू नहीं हो सकी है। इसकी वजह से पुरानी दवा के जरिए उनका इलाज किया जा रहा है। कहा कि मानसिक रोगी लगातार लॉकडाउन में घर पर रहे हैं।  

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