ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशMeerut Mayor Election Results: कौन हैं हरिकांत अहलूवालिया जिन्होंने मेरठ में खिलाया कमल

Meerut Mayor Election Results: कौन हैं हरिकांत अहलूवालिया जिन्होंने मेरठ में खिलाया कमल

मेरठ में मेयर पद पर हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हरिकांत अहलूवालिया ने 2,35,953 वोट के साथ बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने ओवैसी की पार्टी AIMIM के उम्मीदवार अनस को बड़े अंतर से हराया है।

Meerut Mayor Election Results: कौन हैं हरिकांत अहलूवालिया जिन्होंने मेरठ में खिलाया कमल
Krishna Singhलाइव हिंदुस्तान,मेरठSat, 13 May 2023 10:56 PM
ऐप पर पढ़ें

मेरठ में मेयर पद पर हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हरिकांत अहलूवालिया ने बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने ओवैसी की पार्टी AIMIM के उम्मीदवार अनस को बड़े अंतर से हराया है। हरिकांत अहलूवालिया को 2,35,953 वोट मिले। उन्होंने 1 लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की है। सपा उम्मीदवार सीमा प्रधान तीसरे स्थान पर रहीं। हरिकांत अहलूवालिया पहले भी एक बार शहर के मेयर रह चुके हैं। वर्ष 2012 के निकाय चुनावों में हरिकांत अहलूवालिया को 1,98,579 वोट मिले थे। 

हरिकांत अहलूवालिया ने तब सपा उम्मीदवार रफीक अंसारी को 77, 806 मतों से हराया था। कांग्रेस के देवेन्द्र सिंह तब 53,112 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। पिछली बार मेरठ से बसपा ने जीत दर्ज की थी। मौजूदा वक्त में भाजपा की राज्यसभा सांसद कांता कर्दम दूसरे नंबर पर रही थीं। इससे पूर्व 2006 में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा की मधु गुर्जर ने 2,30,861 मत लेकर 15 साल बाद महापौर पद पर पहली बार मेरठ में कमल खिलाया था। 

उन्होंने यूडीएफ की प्रत्याशी और पूर्व मंत्री हाजी याकूब की पत्नी संजीदा बेगम को 1,07,976 मतों से शिकस्त दी थी। हरिकांत अहलूवालिया (67) को पंजाबी समाज और पिछड़ा वर्ग से होने के कारण भाजपा ने दूसरी बार मौका दिया था। अहलूवालिया 2012 में भी ओबीसी कोटे से मेयर पद का चुनाव जीते थे। इस बार फिर मेयर सीट ओबीसी से होने का उन्हें लाभ मिला।

नगर निगम क्षेत्र की तीन विधानसभा सीटों के गणित के हिसाब से भाजपा मजबूत मानी जा रही थी लेकिन मुसलिम वोट ज्यादा होने के कारण मुकाबला दिलचस्प हो गया। मेरठ में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम खुद नहीं जीत सकी लेकिन सपा का खेल बिगाड़ दिया। मेयर सीट पर AIMIM के उम्मीदवार अनस दूसरे स्थान पर रहे। अनस को 1,28,547 मत मिले। इससे सपा तीसरे स्थान पर पहुंच गई।

एसपी की सीमा प्रधान को 1,15,964 वोट जबकि बसपा के हसमत को 54076 और कांग्रेस के नसीम कुरैशी को 15473 वोट मिले। चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि मुस्लिम मतों के बिखरने का सीधा फायदा भाजपा को हुआ। इस वाकए ने साल 2019 के बिहार विधानसभा चुनाव की यादें ताजा कर दी। 2019 के बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी के कारण राजद को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें