कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर किसानों के साथ पिछले 18 घंटे से राजस्थान-यूपी बार्डर पर डटी हुईं हैं। इसके चलते लगे जाम को खुलवाने के लिए धौलपुर के डीएम राजेश कुमार मौके पर पहुंच गए। उन्होंने एक लाइन को चालू करा दिया है। वहीं मेधा पाटकर का कहना है कि संविधान की रक्षा करना जरूरी हो गया है। मजदूर, किसान सबके साथ अन्याय हो रहा है। केंद्र सरकार ने सारा कुछ निजी हाथों में दे दिया है। बस अब खेती किसानी बची है और आम आदमी बचा है। इनका अस्तित्व भी खतरे में है।
बीती रात आठ बजे पाटकर को लगभग दो सौ किसानों के साथ राजस्थान-यूपी बार्डर पर आगरा पुलिस ने रोक लिया। एएसएपी बबलू कुमार का कहना है कि उन्हें शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए रोका गया है। इसके बाद किसानों ने वहां पर धरना शुरू कर दिया था। सभी किसान भूखे प्यासे धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि वह यूपी में प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, उन्हें तो दिल्ली जाना है। उन्हें क्यों रोका गया। यही पता नहीं है। पाटकर ने धरना स्थल पर बातचीत करते हुए कहा कि यूपी सरकार और राजस्थान सरकार आपस में बात नहीं कर सकती। ऐसी स्थिति में यह जन आंदोलनों की राजनीति हम लोग आगे बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों के जीने का रास्ता रोक रही है।
वहीं गुरुवार की सुबह लगभग दो दर्जन वाहनों के काफिले में किसान मध्य प्रदेश से सीमा पर पहुंच गए। उन्हें भी दिल्ली जाना है। इधर, धौलपुर के जिलाधिकारी राजेश कुमार जायसवाल, एसपी केशव सिंह, आगरा के एसपी ग्रामीण रवि कुमार और एसडीएम खेरागढ़ अंकुर कौशिक पुलिसबल के साथ मौके पर ही मौजूद हैं।
हाईवे पर एक लाइन शुरू कराई
किसानों के धरने के कारण ग्वालियर हाईवे पर दूर तक वाहनों की लाइन लग गई है। किसानों के वाहनों के साथ अन्य वाहनों को भी पुलिस ने चेकिंग के लिए रोक दिया है। बाद में राजस्थान और आगरा पुलिस ने किसानों से बातचीत कर एक लाइन को शुरू करा दिया है।