किसान बिल के विरोध में दिल्ली में 26 और 27 नवंबर को होने वाले धरने में शामिल होने जा रहीं मेधा पाटकर को बुधवार की रात आगरा में सैंया सीमा पर जाजऊ और बरैठा के बीच रोक लिया गया। उनके साथ लगभग दो सौ किसानों का जत्था भी है। रोकने के विरोध में मेधा सभी किसानों के साथ वहीं पर धरने पर बैठ गईं। एसपी ग्रामीण पहुंचकर मान मनौवल कर रहे हैं।
बता दें कि ऑल इंडिया किसान समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर देशभर के किसानों का अलग-अलग राज्यों से होते हुए 26 नवंबर को दिल्ली पहुंचना है। वहां जंतर मंतर दो दिन का धरना है। कर्नाटक से एक जत्था बुधवार को गुना, मध्य प्रदेश पहुंचा। वहां से ग्वालियर पहुंचने पर मेधा पाटकर भी जत्थे में शामिल हो गईं। रात करीब आठ बजे उनका काफिला आगरा की सैंया सीमा पर पहुंचा। पता चलते ही पुलिस ने उन्हें वहीं रोक लिया। जत्थे में शामिल किसान नेताओं ने जाने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने एक न सुनी। इस पर सभी किसान नेताओं के साथ मेधा वहीं धरने पर बैठ गईं।
समिति के कर्नाटक राज्य के अध्यक्ष टी यशवंत और मध्य प्रदेश के किसान नेता बहिराज ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि शांतिप्रिय तरीके से दिल्ली जा रहे किसानों को रोककर यूपी सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया है। आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के इशारे पर उन्हें रोका गया है। उनका कहना है कि उनकी मांगें हैं कि किसानों के बिजली का बिल माफ किया जाए और फसल का उचित मुआवजा दिया जाए। ये बात कहने का किसान को अधिकार है। फिर भी केंद्र सरकार सुनवाई नहीं कर ही है। उल्टा किसान विरोधी कानून थोप दिया गया है। पाटकर के साथ पी बैरागी, प्रतिभा शिंदे, सोबरन के अलावा दो सौ किसान हैं। टी यशवंत ने बताया कि 26 नवंबर को और किसान मध्य प्रदेश से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
पाटकर के साथ किसान नेताओं को रोकने की खबर किसानों तक पहुंच गई है। जिला प्रशासन ने जिले में अलर्ट घोषित कर दिया है। वहीं धरनास्थल पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स मौजूद है। एसपी ग्रामीण रवि कुमार, एसडीएम खेरागढ़ अंकुर कौशिक, सीओ खेरागढ़ प्रदीप कुमार भी मौके पर पहुंच गए। धरनारत लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।