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यौन शोषण का केस वापस न लेने पर एमडी छात्रा को भविष्य खराब करने की धमकी

लखनऊ केजीएमयू फार्माकोलॉजी विभाग में एमडी छात्रा का यौन शोषण का मामला फिर से तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़ित छात्रा पर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। छात्रा का भविष्य खराब करने की धमकी दी जा रही...

यौन शोषण का केस वापस न लेने पर एमडी छात्रा को भविष्य खराब करने की धमकी
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSat, 12 Jun 2021 08:27 AM
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लखनऊ केजीएमयू फार्माकोलॉजी विभाग में एमडी छात्रा का यौन शोषण का मामला फिर से तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़ित छात्रा पर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। छात्रा का भविष्य खराब करने की धमकी दी जा रही है। विशाखा कमेटी की जांच एक साल बाद भी पूरी नहीं हुई है। डरी-सहमी छात्रा ने शुक्रवार को केजीएमयू कुलपति को पत्र भेजकर दर्द बयां की है। इंसाफ की गुहार लगाई है।

फार्माकोलॉजी विभाग में एमडी की छात्रा ने पिछले साल प्रवेश लिया था। आरोप हैं कि एक रिसर्च एसोसिएट ने छात्रा को कमरे में बुलाया। यौन शोषण की कोशिश की। सबसे पहले पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस में की। मामला कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट के आदेश पर केजीएमयू में विशाख कमेटी गठित हुई। पीड़िता ने कुलपति को पत्र लिखकर फारियाद की है। पत्र में पीड़िता ने कहा है कि नियमानुसार तीन महीने में विशाखा कमेटी को जांच पूरी करनी चाहिए। एक साल बीतने को है। अभी तक जांच पूरी नहीं हुई। जांच की प्रति भी मुझे मुहैया नहीं कराई गई। यही नहीं विभाग के शिक्षक मिलकर परेशान कर रहे हैं। इसी माह एमडी की परीक्षाएं हैं। जिसमें फेल करने की धमकी दी जा रही है।

सहपाठियों को भी परेशान किया जा रहा 

पत्र में छात्रा ने आरोप लगाया है कि शिक्षक लगातार केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। एमडी कोर्स से इस्तीफा देने को कह रहे हैं। धमकियों के बीच पढ़ाई कर पाने में अड़चन आ रही है। छात्रा ने पत्र में कहा है कि वह मानसिक रूप से परेशान है। पत्र में पीड़िता ने कहा कि बीमारी की वजह से वह कुछ समय विभाग नहीं आ सकी। इसकी सूचना विभाग को समय पर मुहैया कराई। इलाज संबंधी दस्तावेज भी दिए। फिर भी नोटिस थमा दी गई। यही नहीं मेरे सहपाठियों को भी परेशान किया जा रहा है।

फार्माकोलॉजी विभाग की एक छात्रा का शिकायती पत्र मिला है। पत्र के आधार पर जांच कमेटी गठित कर दी गई है। इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही व शिथिलता नहीं बरती जाएगी। पीड़ित तैयारी कर परीक्षा दे। उसके साथ नाइंसाफी नहीं होगी।
डॉ. बिपिन पुरी, कुलपति, केजीएमयू

 

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