मायावती से उलट बसपा सांसद ने की बजट की दिल खोलकर तारीफ, फिल्म पठान की तरह हिट बताया
बसपा प्रमुख मायावती ने भी बजट को झूठ का पुलिंदा बताया लेकिन उन्हीं की पार्टी के सांसद मालूक नागर ने बजट की दिल खोलकर तारीफ की है। सांसद ने यहां तक कहा कि फिल्म पठान की तरह बजट भी हिट हो गया है।

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने बुधवार को संसद में बजट पेश किया। सत्ता से जुड़े नेताओं ने बजट को अमृतकाल का पहला बजट बताते हुए तारीफों के पुल बांधे हैं। जबकि विपक्षी नेताओं ने बजट की आलोचना की है। बसपा प्रमुख मायावती ने भी बजट को झूठ का पुलिंदा बताया लेकिन उन्हीं की पार्टी के सांसद मालूक नागर ने बजट की दिल खोलकर तारीफ की है। बिजनौर से सांसद मालूक नागर ने यहां तक कहा कि फिल्म पठान की तरह बजट भी हिट हो गया है।
यूपी के सबसे अमीर सांसद माने जाने वाले मालूक नागर ने बजट पर पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान दिया है। उन्होंने फिल्म 'पठान' की सफलता से इस बजट की तुलना करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट में आम लोगों को जो राहत दी गई है उसने इस बजट का शाहरुख खान की फिल्म पठान की तरह हिट बना दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में दी गई आयकर राहत से यह सुनिश्चित होगा कि अधिक संख्या में लोग आयकर रिटर्न दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि यह बजट अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना सच हो।
इससे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि देश में पहले की तरह पिछले 9 वर्षों में भी केन्द्र सरकार के बजट आते-जाते रहे जिसमें घोषणाओं, वादों, दावों व उम्मीदों की बरसात की जाती रही, किन्तु वे सब बेमानी हो गए जब भारत का मिडिल क्लास महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की मार के कारण लोवर मिडिल क्लास बन गया।
मायावती ने कहा कि इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं है। पिछले साल की कमियां कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दांव पर लगा रहता है जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?
मायावती ने कहा कि सरकार की संकीर्ण नीतियों व गलत सोच का सर्वाधिक दुष्प्रभाव उन करोड़ों गरीबों किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है जो ग्रामीण भारत से जुड़े हैं और असली भारत कहलाते हैं। सरकार उनके आत्म-सम्मान व आत्मनिर्भरता पर ध्यान दे ताकि आमजन की जेब भरे व देश विकसित हो।
मायावती ने कहा कि केन्द्र जब भी योजना लाभार्थियों के आँकड़ों की बात करे तो उसे जरूर याद रखना चाहिए कि भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं। उनके लिए बातें ज्यादा हैं। बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर है।