ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशअयोध्या में बन रहे राम मंदिर की डिजाइन में हो सकता है बदलाव, नहीं बदलेगा मूल ढांचा

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की डिजाइन में हो सकता है बदलाव, नहीं बदलेगा मूल ढांचा

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव व विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि इस वक्त विहिप का पूरा ध्यान राम मंदिर निर्माण पर है। मथुरा और काशी फिलहाल एजेंडे से बाहर...

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की डिजाइन में हो सकता है बदलाव, नहीं बदलेगा मूल ढांचा
वरिष्ठ संवाददाता ,प्रयागराजSat, 03 Oct 2020 09:08 AM
ऐप पर पढ़ें

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव व विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि इस वक्त विहिप का पूरा ध्यान राम मंदिर निर्माण पर है। मथुरा और काशी फिलहाल एजेंडे से बाहर है। प्रयागराज के केसर भवन में आयोजित लखनऊ क्षेत्र के चार प्रांतों की बैठक में शामिल होने आए विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही। 

मथुरा और काशी पर के सवाल पर उन्होंने कहा कि समझदार लोग वो होते हैं जो एक काम का बीड़ा उठाने के बाद उसे पूरा करते हैं। इसके बाद ही दूसरा काम हाथ में लेते हैं। ऐसे में मथुरा काशी पर फिलहाल विचार संभव नहीं है। चंपत राय ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद इस वक्त अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर ध्यान दे रहा है। मंदिर निर्माण में तीन साल का वक्त लगेगा। कार्यदायी एजेंसियां इस पर काम कर रही है। लगातार मंदिर के डिजाइन बदले जाने की बात पर उन्होंने कहा कि मंदिर की मूल डिजाइन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यह बात सही है कि जब विहिप ने राम मंदिर आंदोलन मुद्दा उठाया तो विहिप के महज 1500 वर्गगज जमीन के लिए बात कर रही थी। 

विहिप नेता ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए एक एकड़ जमीन की आवश्यकता थी। जिसके अनुसार पूर्व में एक डिजाइन तैयार किया गया था। जब सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 में राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया तो 70 एकड़ जमीन दी। ऐसे में अब अकेले मंदिर का निर्माण तीन एकड़ में होगा। जाहिर सी बात है कि फैलाव होगा। इसमें ड्राइंग में बदलाव होगा। मूल ढांचे में नहीं।  उनके साथ बैठक में काशी प्रांत के अध्यक्ष शुभ नारायण सिंह व उपाध्यक्ष विमल प्रकाश शामिल रहे। 

दिल्ली बैठक में मनाएंगे रूठे संत
10 व 11 नवंबर को दिल्ली में विहिप की संतों के साथ बैठक के सवाल पर परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि पांच अगस्त को प्रधानमंत्री ने जब अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम किया था तब तमाम संत शामिल नहीं हो सके थे। ऐसे में तमाम संतों में नाराजगी है। दिल्ली में लगभग 300 प्रमुख संतों को बुलाया गया है। सब एक परिवार है और सभी को एक मंच पर लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक संत ने देश के 11 करोड़ परिवारों को मंदिर निर्माण के लिए एक मंच पर लाने की सलाह दी थी। ऐसे में मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग के विषय पर इस बैठक में चर्चा होगी कि आखिर 11 करोड़ परिवारों को एक साथल लाया कैसे जाए। राम मंदिर निर्माण के लिए सभी से यथा शक्ति सहयोग लिया जाए। 

कानून तोड़ने वालों से सख्ती से निपटे सरकार
हाथरस जैसी घटना के बारे में सवाल पर श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद की सामजिक समरसता अलग है। मनुष्य को अछूत में शामिल करना गलत है। हमारी समरसता इसी बात पर है। जहां तक कानून तोड़ने वालों की बात कही तो सरकारों को इससे सख्ती से निपटना चाहिए।  

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें