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मथुरा : नंदगांव मंदिर में नमाज अदा करने वाले फैजल खान जेल से हुए रिहा, कहा- कैदियों से सीखें मोहब्बत करना

उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित नंदगांव मंदिर परिसर में नमाज पढ़ने के मामले के आरोपी फैजल खान को जिला कारागार से गुरुवार सुबह रिहा किया गया। 30 अक्टूबर को मथुरा घूमने आए फैजल खान और...

मथुरा : नंदगांव मंदिर में नमाज अदा करने वाले फैजल खान जेल से हुए रिहा, कहा- कैदियों से सीखें मोहब्बत करना
हिन्दुस्तान टीम, मथुराThu, 24 Dec 2020 11:13 AM
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उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित नंदगांव मंदिर परिसर में नमाज पढ़ने के मामले के आरोपी फैजल खान को जिला कारागार से गुरुवार सुबह रिहा किया गया। 30 अक्टूबर को मथुरा घूमने आए फैजल खान और चांद मोहम्मद ने नंदगांव मंदिर में नमाज अदा की थी। हाईकोर्ट ने पिछले दिनों उन्हें जमानत दे दी थी। जमानत मिलने के बाद जिला कारागार से आरोपी फैजल खान को आज रिहा किया गया।

रिहा होने के बाद फैजल खान ने कहा आज 24 दिसंबर है और बहुत अच्छा दिन है। कल 25 दिसंबर है, क्रिसमस है ईसा मसीह का जन्मदिन। यह बताता है इंसानियत और मोहब्बत के लिए अपने आप को कुर्बान कर देना है। यही मैंने जेल में रहकर सीखा है। फैजल ने बताया कि जेल में हर शाम एक तरफ आरती और दूसरी तरफ नमाज होती है। मुझे तो लगता है हम जिनको अपराधी कहते हैं उनसे हमें आकर ये चीज सीखनी चाहिए मोहब्बत का कोई धर्म नहीं होता।

आपकों बता दें कि बीते 30 अक्टूबर को मथुरा के नंदगांव मंदिर परिसर में दो युवकों ने नमाज अदा की थी। इसके बाद 1 नवंबर को  बरसाना थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर में याची के अलावा सह अभियुक्त चांद मोहम्मद पर बिना पुजारी की सहमति के जबरन नमाज पढ़ने और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने का आरोप लगाया गया था। आरोप लगाया गया था कि ऐसा हिन्दुओं की आस्था को अपमानित करने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की नीयत से किया गया है। बता दें कि फैजल और चांद मोहम्मद खुदाई खिदमतगार संस्था के सदस्य थे। इनमें से फैजल खान दिल्ली और चांद मोहम्मद बिहार का रहने वाला है।

21 दिसंबर को हुई जमानत मंजूर
बीते सोमवार यानि 21 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैजल खान की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने दिया। अधिवक्ता का कहना था कि याची सामाजिक कार्यकर्ता है।वह खुदायी खिदमतगार के रूप में जाना जाता है। वह 25 वर्षों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाने में जुटा है। वह मंदिर के भीतर ही नहीं गया। उसने पुजारी की सहमति से मंदिर के बाहर नमाज पढ़ी। कोर्ट ने याची को साक्ष्यों से छेड़छाड़ न करने, गवाहों पर प्रलोभन या अन्य तरीके से दबाव नहीं डालने, विचारण में सहयोग करने, सोशल मीडिया में ऐसे फोटोग्राफ वायरल नहीं करने की शर्त रखी है।

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