मनीष गुप्ता हत्याकांड के आरोपित पुलिसवालों ने लाइन में कराई आमद, CBI कोर्ट ने दी थी जमानत
कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड के पांच आरोपित पुलिसकर्मियों ने सीबीआई कोर्ट से जमानत पर छूटने के बाद शुक्रवार की शाम को गोरखपुर की पुलिस लाइन में अपनी आमद करा ली है।

Property Dealer Murder Case: कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड के पांच आरोपित पुलिसकर्मियों ने सीबीआई कोर्ट से जमानत पर छूटने के बाद शुक्रवार की शाम को गोरखपुर पुलिस लाइन में अपनी आमद कराई है। हत्या का आरोप लगने पर तत्कालीन एसएसपी ने सभी को निलंबित किया था। बाद में मुकदमा दर्ज होने के बाद इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
शुक्रवार को सभी पुलिसकर्मी एक साथ गोरखपुर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद शाम चार बजे दरोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे, विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव, आरक्षी प्रशांत कुमार पुलिस लाइन पहुंचे। निलंबित होने की जानकारी देते हुए सभी ने पुलिस लाइन में अपनी आमद कराई। तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की पीटकर हत्या करने का आरोप लगने पर 28 सितंबर 2021 को तत्कालीन एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने आरोपित थानेदार जगत नारायण सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे, विजय यादव, हेड कांस्टेबल कमलेश और कांस्टेबल प्रशांत को निलंबित किया था।
मामले के तूल पकड़ने पर सभी आरोपितों के विरुद्ध मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया। जिसके बाद पुलिस लाइन मे आमद कराए बिना ही सभी फरार हो गए। जांच के लिए गठित कानपुर एसआईटी ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा। हत्या के मुकदमे में आरोप तय होने के बाद 10 जनवरी को पांचों पुलिसकर्मी तिहाड़ जेल से रिहा हुए। वहीं इंस्पेक्टर जेएन सिंह अभी बंद हैं। जेएन सिंह पर हत्या का मुकदमा चलेगा।
कब क्या हुआ
-27 सितंबर की देर रात गोरखपुर के होटल में पुलिस वालों पर मनीष को पीट-पीटकर मारने का आरोप लगा।
-28 सितंबर को पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज, 6 को सस्पेंड किया गया।
-29 सितंबर की सुबह परिजन शव लेकर कानपुर पहुंचे। सीएम से मिलने की जिद पर अंतिम संस्कार से इनकार।
-30 सितंबर को प्रशासन के आश्वासन के बाद शव का अंतिम संस्कार। उसी दिन सीएम ने मनीष की पत्नी से मुलाकात की।
-2 अक्टूबर से इस मामले की जांच कानपुर एसआई ने शुरू की।
-10 अक्टूबर की शाम रामगढ़ताल पुलिस ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार किया।
-12 अक्टूबर को पुलिस ने दरोगा राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत कुमार को गिरफ्तार किया।
-13 अक्टूबर को पुलिस ने मुख्य आरक्षी कमलेश यादव को गिरफ्तार किया था।
-16 अक्टूबर को पुलिस ने आखिरी आरोपी दरोगा विजय यादव को गिरफ्तार किया।
-2 नवंबर को सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की।
-7 जनवरी को सीबीआई ने इस केस में सभी पुलिस वालों के खिलाफ हत्या के आरोप में चार्जशीट दाखिल कर दी।
-8 जनवरी 2023 को सीबीआई कोर्ट ने सभी पुलिस कर्मियों पर आरोप तय किया
-9 जनवरी 2023 को पांच पुलिस कर्मियों पर सीबीआई कोर्ट ने जमानत दे दी।