Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Mahant of Nirmohi Akhara furious over Akhilesh s statement of donations told Ghajini to Mulayam family

अखिलेश के चंदाजीवी वाले बयान पर भड़के निर्मोही अखाड़े के महंत, मुलायम परिवार को बताया गजनी

समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव के लोकसभा में दिए गए बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। अयोध्या के निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास ने अखिलेश पर तीखा हमला किया है। महंत राजेंद्र दास ने अखिलेश को...

Yogesh Yadav अयोध्या हिन्दुस्तान टीम, Wed, 10 Feb 2021 06:45 PM
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समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव के लोकसभा में दिए गए बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। अयोध्या के निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास ने अखिलेश पर तीखा हमला किया है। महंत राजेंद्र दास ने अखिलेश को गजनी का वंशज तक करार दे दिया। अखिलेश ने लोकसभा में पीएम मोदी के आंदोलनजीवी वाले बयान पर निशाना साधा था। अखिलेश ने कहा कि जो घर-घर जाकर चंदा ले रहे हैं, क्या वे चंदाजीवी संगठन के सदस्य नहीं हैं? अब इसी पर अयोध्या के महंत ने पलटवार किया है।

अयोध्या में निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास ने कहा कि अखिलेशजी को याद होना चाहिए कि जो गजनी थे, गजनी ने हजारों-लाखों हिंदुओं को मरवाया था। उसी परिवार में से अखिलेश यादव हैं। जिन लोगों ने हजारों-लाखों हिंदू राम मंदिर के आंदोलन में मरवा दिए। ये सब गजनी परिवार में से हैं। इनको हिंदू संस्कृति या राम मंदिर या चंदा के विषय में बोलने का अधिकार ही नहीं है। 

आंदोलनजीवी का जवाब अखिलेश ने चंदाजीवी से दिया
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में कहा 'देश को आंदोलन की वजह से आजादी मिली। आंदोलनों के चलते कई अधिकार मिले। महिलाओं को वोटिंग का अधिकार भी आंदोलन करने से मिला। महात्मा गांधी राष्ट्र पिता बने, क्योंकि उन्होंने अफ्रीका, देश और दुनिया में आंदोलन किए। उन आंदोलनों के बारे में क्या कहा जा रहा है? वे लोग आंदोलनजीवी हैं। मैं उन लोगों को क्या कहूं जो लगातार चंदा लेने को निकल जाते हैं, क्या वे चंदाजीवी संगठन के सदस्य नहीं हैं।'

'MSP सिर्फ बयानों में है जमीन पर नहीं'
किसान आंदोलन को लेकर अखिलेश यादव ने संसद में कहा कि कल संसद में कहा गया कि एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा। यह सिर्फ बयानों में है, जमीन पर नहीं। किसानों को यह मिल रहा होता तो वे दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन नहीं कर रहे होते। मैं आंदोलनकारी किसानों को बधाई देता हूं, उन्होंने देशभर के किसानों को जागरूक किया है।

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