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महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट: मेरी मौत के जिम्मेदार आनंद, आद्या और संदीप

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट मंगलवार शाम को पांच बजे वायरल हुआ। सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि ने जो लिखा है वह इस प्रकार है..।  मेरी समाधि गद्दी में गुरु जी के बगल...

महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट: मेरी मौत के जिम्मेदार आनंद, आद्या और संदीप
वरिष्ठ संवाददाता ,प्रयागराज Tue, 21 Sep 2021 09:56 PM
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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट मंगलवार शाम को पांच बजे वायरल हुआ। सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि ने जो लिखा है वह इस प्रकार है..। 

मेरी समाधि गद्दी में गुरु जी के बगल में नींबू के पेड़ के पास दी जाए। मैं दु:खी होकर आत्महत्या करने जा रहा हूं। मेरी मौत की जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी, संदीप तिवारी पुत्र आद्या तिवारी की होगी। प्रयागराज के सभी पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध करता हूं कि मेरी आत्महत्या के जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए, जिससे मेरी आत्मा को शांति मिले। 

प्रिय बलवीर गिरि मठ मंदिर की व्यवस्था बनाने का प्रयास करना, जिस तरह से मैंने किया, इसी तरह से करना। आशुतोष गिरि, नितेश गिरि एवं मढ़ी के सभी महात्मा बलवीर गिरि का सहयोग करना। परम पूज्य महंत हरि गोविंद पुरी से निवेदन है कि महंत बलवीर गिरि को बनाना। महंत रविंद्र पुरी जी आपने हमेशा साथ दिया। मेरे मरने के बाद बलवीर गिरि का ध्यान दीजिएगा। सभी को मेरा ओम नमो नारायण। 

13 सितंबर को किया था आत्महत्या का प्रयास :

मैं महंत नरेंद्र गिरि, वैसे तो मैं 13 सितंबर 2021 को अत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया। आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक दो दिन में आनंद गिरि कम्प्यूटर के माध्यम से या मोबाइल से किसी लड़की या महिला के साथ मेरी फोटो लगाकर के गलत काम करते हुए, फोटो वायरल कर देगा। मैंने सोचा कहां-कहां सफाई दूंगा। एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा। मैं जिस पद पर हूं, वह पद गरिमामई पद है। सच्चाई तो लोगों को बाद में पता चल जाएगी। लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा। इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। 

वायरल ऑडियो से हुई बदनामी :

आज मैं आत्महत्या कर रहा हूं, जिसकी पूरी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी जो पहले प्रभारी थे व उनको मैंने निकाल दिया और संदीप तिवारी पुत्र आद्या प्रयास तिवारी की होगी। वैसे मैं पहले ही आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर पा रहा था। एक ऑडियो मैसेज आनंद गिरि ने जारी किया था। जिससे मेरी बदनामी हुई। आज मैं हिम्मत हार गया और आत्महत्या कर रहा हूं। 2500000 लाख रुपये आदित्य मिश्रा एवं 2500000 लाख रुपये शैलेंद्र सिंह रियल स्टेट से मांगा है। 

मेरे साथ विश्ववास घात किया :

मैं महंत नरेंद्र गिरि, मठ बाघंबरी गद्दी व बड़े हनुमान मंदिर ‘लेटे हनुमानजी’ अपने होशो हवास में बगैर किसी दबाव के मैं यह पत्र लिख रहा हूं, जब से आनंद गिरि ने मेरे ऊपर असत्य-मिथ्या व मनगढ़ंत आरोप लगाया तब से मैं मानसिक दबाव में जी रहा हूं। जब भी मैं एकांत में रहता हूं, मेरी मर जाने की इच्छा होती है। आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उनका लड़का संदीप तिवारी ने मिलकर मेरे साथ विश्वास घात किया। मुझे जान से मारने का प्रयास किया। 

सोशल मीडिया, फेसबुक एवं समाचार पत्रों में आनंद गिरि ने मेरे चरित्र के ऊपर मनगढ़ंत आरोप लगाया। मैं मरने जा रहा हूं। सत्य बोलूंगा, मेरा घर से कोई सम्बन्ध नहीं है। मैंने एक भी पैसा घर पर नहीं दिया। मैंने एक-एक पैसा मंदिर और मठ में लगाया। अभी जो मठ एवं मंदिर का विकास किया सभी भक्त जानते हैं। आनंद गिरि द्वारा जो भी आरोप लगाया गया, उससे मेरी एवं मठ मंदिर की बदनामी हुई। मैं बहुत आहत हूं। मै आत्महत्या करने जा रहा हूं। मैं समाज में हमेशा शान से जिया। लेकिन आनंद गिरि ने मुझे गलत तरीके से बदनाम किया। 

अंतिम इच्छा :

बलवीर गिरि मेरी समाधि पार्क में नींबू के पेड़ के पास दी जाए। यही मेरी अंतिम इच्छा है। धनंजय विद्यार्थी मेरे कमरे की चाबी बलवीर गिरि महाराज को देना। बलवीर गिरि एवं पंच परमेश्वर निवेदन कर रहा हूं, मेरी समाधि पार्क में नींबू के पेड़ के पास लगा देना। 

प्रिय बलवीर गिरि ओम नमो नारायण

मैंने तुम्हारे नाम एक रजिस्टर वसीयत की है। जिसमें मेर ब्रह्मलीन ‘मरने के बाद’ हो जाने के बाद तुम बड़े हनुमान मंदिर एवं मठ बाघंबरी गद्दी के महंत बनोगे। तुमसे मेरा एक अनुरोध है कि मेरी सेवा में लगे विद्यार्थी जैसे मिथिलेश पांडेय, राम कृष्ण पांडेय, मनीष शुक्ला, शिवेक कुमार मिश्रा, अभिषेक कुमार मिश्रा, उज्ज्वल द्विवेदी, प्रज्ज्वल द्विवेदी, अभय द्विवेदी, निर्भय द्विवेदी, सुमित तिवारी का ध्यान देना। जिस तरह मेरे समय में रह रहे थे, उसी तरह तुम्हारे समय में रहेंगे। इन सभी का ध्यान देना। उपरोक्त सभी जिनका मैंने नाम लिया है तुम लोग भी हमेशा बलवीर गिरि महाराज का सम्मान करना। जिस तरह से हमेशा मेरी सेवा की उसी तरह से बलवीर गिरि महाराज एवं मठ मंदिर की सेवा करना। वैसे हमें सभी विद्यार्थी प्रिय हैं, लेकिन मनीष शुक्ला, शिवेक मिश्रा, अभिषेक मिश्रा मेरे अति प्रिय है। कोरोना काल में जब मुझे कोरोना हुआ मेरी सेवा सुमित तिवारी ने की। मंदिर में माला फूल की दुकान मैंने सुमित तिवारी को किराया नामा रजिस्टर किया है। मिथिलेश पांडेय को श्रीबंधवा रुद्राक्ष इम्पोरियम की दुकान किराए पर दी है। मनीष शुक्ला, शिवेश मिश्रा, अभिषेक मिश्रा को दुकान नंबर एक लड्डू की दुकान किराए में दी है। 

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