यूपी: प्रीपेड मीटर खरीद के लिए निकला नया टेंडर, उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग से की ये मांग
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीद का टेंडर निरस्त करने के बाद सोमवार को नया टेंडर निकाल दिया है। जिसमें नये सिरे से स्मार्ट मीटर खरीद के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

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Pre Paid Electricity Meter: मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीद का टेंडर निरस्त करने के बाद सोमवार को नया टेंडर निकाल दिया है। जिसमें नये सिरे से स्मार्ट मीटर खरीद के लिए आवेदन मांगे गए हैं। दूसरी तरफ इस मामले में उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने उ.प्र. विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर कर अन्य बिजली कंपनियों के टेंडर को भी निरस्त करने की मांग की है।
नये सिरे से टेंडर निकाले जाने की पुष्टि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों ने की है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक और निदेशक मीडिया से बात करने से बचते रहे। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा नये सिरे से टेंडर निकालने का खुलासा किया है।
उपभोक्ता परिषद की तरफ से आयोग में दाखिल याचिका के माध्यम से मांग की है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में न्यूनतम दर कोट करने वाले जीएमआर, दक्षिणांचल में न्यूनतम दर कोट करने वाले अडाणी ग्रुप व पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में न्यूनतम दर कोट करने वाले इंटेली स्मार्ट के टेंडर को भी तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए। स्मार्ट मीटर खरीद के लिए नये सिरे से जो टेंडर हों व छोटे-छोटे कलस्टर में किए जाएं ताकि मीटर निर्माता कंपनियां भी टेंडर में हिस्सा ले सकें। मीटर निर्माता कंपनियां टेंडर में हिस्सा लेंगी तो दरें कम आएंगी। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने जब प्रस्तावित दर से अधिक दर आने के कारण टेंडर निरस्त कर दिया है तो अन्य कंपनियों का टेंडर भी निरस्त किया जाना चाहिए। अन्य कंपनियों की न्यूनतम दरें भी प्रस्तावित दर से 40 से 65 फीसदी अधिक हैं।
यह है स्मार्ट प्रीपेड मीटर प्रकरण
प्रदेश में 2500 करोड़ रुपये की लागत से 2.5 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीदने का टेंडर बीते दिनों हुआ था। जिन बड़े निजी घरानों ने टेंडर क्वालिफाई किया उनकी न्यूनतम दरें भी प्रस्तावित दर प्रति मीटर 6000 रुपये से 40 से 65 फीसदी अधिक हैं। जिसके कारण टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी बिजली कंपनियां टेंडर अवार्ड नहीं कर रही हैं। टेंडर में अधिक दर कोट होने के कारण की मध्यांचल ने अपने टेंडर को निरस्त कर दिया है।