संजीव जीवा पर कोर्ट में हमला करने वाले विजय यादव का क्या है आपराधिक इतिहास, लड़की भगाने, पराली जलाने का है आरोप
लखनऊ कोर्ट परिसर में सनसनीखेज तरीके से मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या करने वाला विजय यादव उर्फ आनंद जौनपुर के केराकत के सुल्तानपुर गांव का रहने वाला है।
लखनऊ कोर्ट परिसर में सनसनीखेज तरीके से मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या करने वाला विजय यादव उर्फ आनंद जौनपुर के केराकत के सुल्तानपुर गांव का रहने वाला है। उसकी कहानी अतीक पर हमला करने वाले तीनों शूटरों से बहुत ज्यादा मिलती जुलती है। जिस तरह से अतीक के तीनों शूटर घर से कई दिनों से लापता थे। उसी तरह विजय भी लापता था। अतीक के शूटरों की तरह विजय का मोबाइल भी कई दिनों से बंद था।
अतीक के हमलवारों की तरह ही संजीव जीवा पर हमले के तुरंत बाद विजय को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। उसकी क्राइम हिस्ट्री जानने के लिए पुलिस की एक टीम जौनपुर स्थित उसके घर भी पहुंची। सीओ केराकत गौरव शर्मा ने परिवार के लोगों से विजय के बारे में जानकारी ली। गांव के लोगों को भी जब वारदात की जानकारी मिली तो चौंक गए।
विजय के पिता पेशे से किसान श्यामा यादव ने बताया कि दो माह से लखनऊ में रहकर पेयजल पाइप लाइन डालने का काम कर रहा था। चार पुत्रों में दूसरे नंबर का 24 वर्षीय विजय इसके पहले मुंबई में एक स्टील कम्पनी में मजदूरी का काम करता था। श्यामा यादव के मुताबिक पिछले 15 दिन से उसका मोबाइल फोन बंद था। परिवार के किसी भी से उसका संपर्क नहीं हो पा रहा था।
हम लोग परेशान थे। आज पुलिस के आने के बाद पता चला कि वह हत्या के आरोप में पकड़ा गया। लखनऊ की घटना की जानकारी होते ही मौके पर क्षेत्राधिकारी गौरव शर्मा, कोतवाली प्रभारी जय प्रकाश यादव, सरकी चौकी इंचार्च विनोद कुमार आंचल परिवार के लोगों से विजय यादव के बारे में जानकारी ली।
बीकाम करने के बाद मुम्बई चला गया था
केराकत कोतवाली क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव निवासी श्याम यादव के चार पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र स्वतंत्र यादव दिल्ली में रहकर कार्य करता है। दूसरे नम्बर का विजय यादव है। तीसरे नम्बर का सत्यम 11 वीं का छात्र है। चौथे नम्बर का सुंदरम कक्षा नौवीं का छात्र है। माता निर्मला देवी गृहणी हैं।
पूरा परिवार आराम से रह रहा था कि अचानक बुधवार की शाम भारी पुलिस फोर्स देख परिवार के लोग चौक गए। पुलिस वालों ने पूछताछ की तो पुष्टि हुई कि लखनऊ में पकड़ा गया विजय इसी परिवार का है।
परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक विजय यादव की बीकाम की पढ़ाई जौनपुर से ही हुई है। पिता खेती-किसानी कर जीवन यापन करते हैं। बड़े भाई स्वतंत्र यादव की शादी हो चुकी है जो मेहनत मजदूरी करता है। तीसरे नंबर का भाई 19 वर्षीय सत्यम यादव व चौथे नंबर का 17 वर्षीय घर पर रहकर सुंदरम यादव पढ़ाई करता है।
पिता की मानें तो विजय जौनपुर निवासी पिंटू के साथ लखनऊ गया था। हर महीने उसका घर पर आना-जाना था लेकिन इधर 15 दिन से न ही घर आ रहा था और न ही उससे कोई संपर्क हो पा रहा था। पता लगाया जा रहा था लेकिन कुछ पता नहीं चल पा रहा था।
पास्को समेत दो मुकदमें ही केवल पाए गए
जौनपुर। केराकत कोतवाली के सुल्तानपुर गांव निवासी विजय यादव जब बीकाम कर रहा था तो आजमगढ़ के देवगांव में 2016 में एक किशोरी के अपहरण व दुष्कर्म के मामले में उसके खिलाफ धारा 363 व 376, पास्को एक्ट के तहत देवगांव थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। विजय छह माह इस मामले में जेल में भी था। दो माह पूर्व ही सुलह के माध्यम से मुकदमा समाप्त हुआ है। इसके अलावा दूसरा मुकदमा केराकत कोतवाली में 103/20 धारा 188,269, कोविड आईपीसी के तहत दर्ज हुआ था।
दो माह पहले नौकरी छोड़कर घर आ गया था
जौनपुर। मुंबई में एक स्टील कंपनी में काम करता था। जहां से दो माह पहले सब काम छोड़ कर घर आ गया था। घर वालों के मुताबिक उसने बताया की वहां काम में कम पगार मिलती थी इसलिए छोड़ दिया। यहां आने के बाद लखनऊ में एक पाइप की कम्पनी में काम करने लगा।
11 मई 2023 को एक शादी में शामिल होने गांव आया था। और अगले दिन चला गया। इसके बाद से कोई उससे परिवार के किसी सदस्य से बात नहीं हो रही थी। आज घटना के बाद जब पुलिस पहुंची तो परिवार के लोगों को जानकारी हुई कि विजय ने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे दिया। घटना की जानकारी के बाद मां व पिता के साथ साथ घर पर रहने वाले भाइयों की हालत खराब है।