ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशसाबरमती जैसा होगा लखनऊ का कुकरैल रिवर फ्रंट, बनेगा शहर का सबसे बड़ा पिकनिक स्पॉट

साबरमती जैसा होगा लखनऊ का कुकरैल रिवर फ्रंट, बनेगा शहर का सबसे बड़ा पिकनिक स्पॉट

लखनऊ की 27 सहायक नदियों में एक कुकरैल का मूल स्वरूप लौटा कर इसे राज्य का प्रमुख आकर्षण बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इसके लिए तेजी से कार्य शुरू हो गया है।

साबरमती जैसा होगा लखनऊ का कुकरैल रिवर फ्रंट, बनेगा शहर का सबसे बड़ा पिकनिक स्पॉट
Yogesh Yadavहिन्दुस्तान,लखनऊFri, 21 Jul 2023 11:40 PM
ऐप पर पढ़ें

लखनऊ की 27 सहायक नदियों में एक कुकरैल का मूल स्वरूप लौटा कर इसे राज्य का प्रमुख आकर्षण बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इसके लिए तेजी से कार्य शुरू हो गया है। सात आईएएस अफसरों की देखरेख में गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर इसके विकसित किया जाएगा 

शासन में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इनमें कमिश्नर, डीएम, नगर आयुक्त, एलडीए वीसी, सीडीओ के अलावा प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। गुजरात में साबरमती रिवर फ्रंट बनाने के लिए भी ऐसे ही प्रयास हुए थे। हाल ही में कमिश्नर, नगर आयुक्त और सीडीओ साबरमती रिवर फ्रंट देखने और उसके विकास की प्रक्रिया समझने गुजरात गए थे।

लौटने के बाद इन अधिकारियों ने शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसी के आधार पर बैठक कर नए दिशा निर्देश दिए गए हैं। कुकरैल नदी कुल 27.5 किलोमीटर लम्बी है। इसके 6.4 किलोमीटर क्षेत्रफल में अवैध निर्माण हैं। 

रिमोट सेंसिंग कर रहा दोबारा सर्वेक्षण 
रिमोट सेंसिंग को कुकरैल के सर्वेक्षण की जिम्मेदारी सौपी गई है। यह सर्वेक्षण ड्रोन कैमरों और सैटेलाइट के जरिए किया जा रहा है। इसमें यह देखा जा रहा है कि नदी के कितने भाग पर कब्जा है। एडीएम प्रशासन शुभी काकन के अनुसार अभी तक महानगर और रहमतनगर में बड़ी संख्या में कब्जे मिले हैं। जो लोग अवैध रूप से कब्जा किए हैं उनको दूसरे स्थान पर बसाया जाएगा।

नगर निगम, प्रशासन, एलडीए, सिंचाई विभाग की संयुक्त टीमें इन इलाकों में बसे मोहल्लों में डोर टू डोर सर्वेक्षण कर रही हैं। इसमें यह भी देखा जा रहा है कि कितने लोग बाहर से आ कर यहां पर बसे हैं। ये टीमें इन मोहल्लों में रहने वालों के आधार, बिजली कनेक्शन और हाउसटैक्स आदि के बारे में जानकारी हासिल कर रही हैं। 

नाला नहीं, प्राचीन नदी है कुकरैल 
विशेषज्ञों के अनुसार मूल कुकरैल नदी प्राचीन है। यह सई नदी के पास से निकलती है। समय के साथ इसमें नाले खोल दिए गए। मूल नदी के तल में सिल्ट जमा होने से इसको जल देने वाले स्रोत बंद हो गए। लोग इसे नाला समझने लगे। अब सिल्ट सफाई कर इसकी मूल निर्मल जलधारा वापस लौटाई जाएगी। 
 
पिकनिक स्पॉट के साथ स्पोर्ट्स गतिविधियां
साबरमती की ही तरह कुकरैल रिवर फ्रंट पर पिकनिक स्पॉट बनेगा। साथ ही खेलकूद के लिए भी स्थान बनाए जाएंगे। नदी में बोटिंग का लुत्फ भ उठाया जा सकेगा। शाम को तट पर स्ट्रीट फूड से लेकर पुराने लखनऊ के जायके का आनन्द उठाया जा सकेगा। साबरमती रिवर फ्रंट के साथ जल्द ही प्रदेश सरकार एमओयू करने जा रही है। इसके बाद रिवर फ्रंट बनाने का कार्य और तेज हो जाएगा।  

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें