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पत्नी पूनम सिन्हा सपा में और शत्रुघ्न खुद कांग्रेस में, दो नावों के बीच संतुलन की होगी चुनौती

अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के लिए लखनऊ संसदीय सीट पर दो नावों के बीच संतुलन बनाने की चुनौती है। उनके सामने एक ओर पति धर्म निभाने का दायित्व है तो दूसरी ओर पार्टी धर्म। शत्रुघ्न कैसे कांग्रेस को संतुष्ट...

पत्नी पूनम सिन्हा सपा में और शत्रुघ्न खुद कांग्रेस में, दो नावों के बीच संतुलन की होगी चुनौती
लखनऊ। अजित खरेSat, 20 Apr 2019 11:07 AM
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अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के लिए लखनऊ संसदीय सीट पर दो नावों के बीच संतुलन बनाने की चुनौती है। उनके सामने एक ओर पति धर्म निभाने का दायित्व है तो दूसरी ओर पार्टी धर्म। शत्रुघ्न कैसे कांग्रेस को संतुष्ट रखते हुए अपने पत्नी पूनम सिन्हा के प्रचार अभियान में शिद्दत से शामिल हो पाएंगे, यह देखना खासा दिलचस्प होगा। शत्रुघ्न सिन्हा खुद तो अब कांग्रेस में हैं और पत्नी को सपा में शामिल करा दिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूनम सिन्हा को लखनऊ सीट से सपा--बसपा-रालोद का संयुक्त प्रत्याशी बना दिया। यहां उनका मुकाबला राजनाथ सिंह से होगा। कांग्रेस के लखनऊ से प्रत्याशी प्रमोद कृष्णम ने यह कहकर कि शत्रुघ्न   सिन्हा ने पति धर्म तो निभाया, पार्टी धर्म नहीं, खींचतान के संकेत दे दिए।

शत्रुघ्न सिन्हा खुद भी पटना साहिब सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर लड़ रहे हैं। पहले वह इसी सीट से भाजपा से जीतते आ रहे हैं। उन्हें पटना में भाजपा से मुकाबला तो कर अपनी सीट बचाने की चुनौती है तो दूसरी ओर पत्नी को भी जिताने के लिए प्रचार का जिम्मा है। इसके बीच उनके सामने ऊहापोह की स्थिति कांग्रेस प्रत्याशी के आ जाने से खड़ी हो गई। यही स्थिति लखनऊ में प्रमोद कृष्णम के लिए भी हो गई है। जनता के बीच वह इस सवाल का जवाब कैसे देंगे। कैसे एक नेता प्रतिद्वंद्वी पार्टी के प्रत्याशी का प्रचार कर रहा है। शॉटगन भी इस सवाल पर लोगों को कैसे समझाएंगे कि कांग्रेस में रहते हुए सपा की साइकिल पर मुहर लगाने की बात क्यों हो रही है। वह क्या अपने चर्चित डायलाग ‘खामोश’ के जरिए जनता को मुतमईन कर पाएंगे। ऐसा नहीं है कि शॉटगन इन सब बातों से अनजान हैं। 

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इसी अहसास के कारण ही शत्रुघ्न  सिन्हा जब कांग्रेस में शामिल हुए थे तब वह मान कर चल रहे थे कि कांग्रेस पूनम सिन्हा के सपा प्रत्याशी बनने पर लखनऊ में प्रत्याशी नहीं देगी। कांग्रेस सपा बसपा रालोद गठबंधन के कई नेताओं के लिए कई सीट पर पहले ही चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुकी है लेकिन जब पूनम सिन्हा सपा में शामिल हुईं वैसे ही कांग्रेस ने प्रमोद कृष्णम को प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया। 

दरअसल, शत्रुघ्न   सिन्हा जब गत वर्ष 12 अक्तूबर को जेपी जयंती के मौके पर सपा मुख्यालय आए थे तब ही सपा के शीर्ष नेताओं से अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने पर चर्चा हुई थी। वैसे कांग्रेस ने भाजपा के कद्दावर नेता व लोकप्रिय फिल्म कलाकार के तौर पर शत्रुघ्न   सिन्हा को अपने यहां लिया है, इसलिए संभव है कि वह शॉटगन को पति धर्म निभाने की राह में ज्यादा बाधा न बने और पार्टी धर्म निभाने पर ज्यादा जोर न दे। सपा कांग्रेस व शॉटगन तीनों में बहुत भाजपा को परास्त करने पर एक राय है ऐसे में प्रचार के सवाल पर शत्रुघ्न   सिन्हा को ही इस चुनौती से निपटना होगा। 

 

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