जूही में सात साल पहले हुई प्रापर्टी डीलर हत्याकांड में एडीजे कोर्ट ने पिता, उनके तीन पुत्र व नाती को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी को 30-30 हजार रुपए का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है। एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों के पांच लोगों को सजा सुनाए जाने की सूचना पर करीबी और रिश्तेदार कचहरी पहुंच गए थे। अपर जिला जज अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा ने दोनों पक्षों की जिरह व बहस के साथ दोषी करार देते हुए चंद्रनगर सीसामऊ निवासी सागर सोनकर, उनके बेटे अमित, कुलदीप, भीम और नाती अंकुर को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। जूही निवासी प्रापर्टी डीलर राजीव मिश्रा उर्फ राजू का सागर सोनकर से पुराना विवाद था।
दोनों के बीच मुकदमा चला था। बाद में समझौता हो गया। इस मामले में सागर रंजिश मानता रहा। 2 जनवरी 2014 को राजीव का भाई राघवेंद्र अपने बीमार भाई गजेंद्र मिश्रा को लेकर जूही आया था। उस समय सागर ने उसे देख लिया। दूसरे दिन शाम पांच बजे तीनों भाई दवा लेने के लिए एक साथ निकले तभी कामरेड रिक्शा कंपनी के पास सागर ने अपने पुत्रों और नाती अंकुर के साथ तीनों को घेर लिया। पिता ने ललकार कर कहा कि जान से मार दो। इस पर कुलदीप ने राजीव के सिर पर सटाकर गोली मार दी। गोली लगने से राजीव गिर गया। राजीव को जान से मारने की नीयत से कई गोली मारी गई।
रंजिश में हुई हत्या में नामजद रिपोर्ट हुई थी
गोली की आवाज सुनकर क्षेत्रीय लोगों के ललकारा। इस पर कातिलाना हमला करने वाले धमकी देते हुए भाग गए। भाई राघवेंद्र राजीव को आटो से हैलट ले गया। हैलट में डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। राघवेंद्र ने पांच लोगों के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने पांचों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की थी।
12 गवाही, साक्ष्य बने सजा का आधार
घटनास्थल से पुलिस को 315 बोर के चार खोखे, एक गोली व 12 बोर का एक खोखा मिला था। एडीजीसी गौरवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि इस मामले में 12 लोगों की गवाही कराई गई थी। साक्ष्य, चश्मदीद गवाहों, मेडिकल रिपोर्ट और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने पांचों को दोषी करार दिया। इस मामले में एक अन्य किशोर आरोपित का मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है।
महिलाएं दौड़ीं तो पुलिस ने लौटाया
पांच लोगों की सजा पर अभियुक्तों के परिवार के लोग कचहरी पहुंचे। पुलिस अभिरक्षा में ले जाते समय परिवार वाले पीछे दौड़ पड़े। महिलाएं रोकर दौड़ीं तो पुलिस ने पीछे हटाया।