भगवान बुद्ध के स्थल कुशीनगर में देखने लायक है ये जगहें, लगता है बौद्ध सैलानियों का तांता
यूपी का जिला कुशीनगर बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र स्थान है। कुशीनगर वही जगह है जहां गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। माना जाता है कि भगवान बुद्ध की मृत्यु कुशीनगर में हुई थी।
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उत्तर प्रदेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में गोरखपुर के पास कुशीनगर नाम का जिला है जो बौद्ध धर्म से जुड़ा प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस धार्मिक शहर को वह स्थान माना जाता है जहां गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। इसी वजह से कुशीनगर विशेष रूप से बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बन गया। कुशीनगर का नाम कुश यानी घास के नाम पर रखा गया था। इस इलाके में घास काफी मात्रा में होती है। कुशीनगर पर्यटन पर काफी निर्भर करता है। हर साल बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों का तांता लगा रहता है।
माना जाता है कि भगवान बुद्ध की मृत्यु कुशीनगर में हुई थी जिसके बाद सम्राट अशोक ने परिनिर्वाण स्थल को चिह्नित करने के लिए यहां एक स्तूप बनवाया था। स्तूप में बुद्ध की लेटी हुई निर्वाण प्रतिमा है जो 'मरते हुए बुद्ध' को दाहिनी ओर लेटे हुए दर्शाती है। यहां के अन्य प्रमुख स्थानों में कुछ मंदिरों के अलावा निर्वाण चैत्य, रामभर स्तूप, और मठ कुआर तीर्थ शामिल हैं।
कुशीनगर की एक मुख्य सड़क बौद्ध राष्ट्रों द्वारा संचालित मंदिरों से अटी पड़ी है। यहां आप ठहर सकते हैं और चिंतन कर सकते हैं या भिक्षुओं के साथ बातचीत कर सकते हैं। कुशीनगर मठों और देवताओं की जीवन जैसी मूर्तियों की संरचनाओं के माध्यम से आकर्षक और प्राचीन स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण है।