Kumbh mela 2019: कल्पवृक्ष की हिन्दू के साथ मुसलमान भी करते हैं पूजा
हजारों साल पुराना झूंसी में उल्टा किला के पास स्थित कल्पवृक्ष साम्प्रदायिक सौहार्द्र व आस्था का केंद्र है। यहां प्रतिदिन अपनी मनौती लेकर सैकड़ों हिन्दू-मुस्लिम पहुंचते हैं। लोग इसकी छाल व फूल कई...
हजारों साल पुराना झूंसी में उल्टा किला के पास स्थित कल्पवृक्ष साम्प्रदायिक सौहार्द्र व आस्था का केंद्र है। यहां प्रतिदिन अपनी मनौती लेकर सैकड़ों हिन्दू-मुस्लिम पहुंचते हैं। लोग इसकी छाल व फूल कई रोगों के निवारण के लिए भी ले जाते है। बताया जाता है कि मन्नत पूरी होने पर लोग इस वृक्ष पर सेहरा व धागा बांधने आते हैं।
कुम्भ मेले को भव्य बनाने के लिए जहां अरबों रुपये खर्च किए जा रहे हैं वहीं प्रतिष्ठान पुरी उल्टा किला के पास स्थित कल्पवृक्ष की सुधि लेने कोई नही आया। थक हार कर स्थानीय लोगो ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के साथ साथ मेला अधिकारी से भी कल्पवृक्ष को संरक्षित करने की लिखित गुहार लगाई है।हजारों साल पुराना यह कल्पवृक्ष साम्प्रदायिक सौहार्द्र व आस्था का केंद्र है। यहां प्रतिदिन अपनी मनौती लेकर सैकड़ों हिंदू-मुस्लिम पहुंचते हैं। लोग इसकी छाल व फूल कई रोगों के निवारण के लिए भी ले जाते है। बताया जाता है कि मन्नत पूरी होने पर लोग इस वृक्ष पर सेहरा व धागा बांधने आते हैं।
विश्वकर्मा महा शक्तिपीठ के स्वामी दिलीप योगी ने वृक्ष के चबूतरे व गंगातट की ओर से सीड़ी निर्माण के साथ कल्पवृक्ष के सुरक्षा की मांग कुम्भ् मेलाधिकारी से की है। उल्टा किला स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर गुफा में रहने वाली 102 साल की शिवा देवी बताती है कि हमारे गुरु महावीर प्रसाद भी इस वृक्ष के बारे में यही बताते थे कि जब से हम लोग देख रहे हैं यह इसी तरह है । वृक्ष के बारे में पूछने तो लोग बहुत आते हैं पर उसके उद्धार के लिए कोई कार्य नहीं किया गया। लतीफ अहमद ने वृक्ष में लग रहे फंगस से बचाव के लिए से दवा छिड़काव की मांग की। सैयद महमूद आलम कादरी ने बताया कि इस वृक्ष की छाल और फूल शरीर को तासीर पहुंचाते है।