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कुम्भ 2019: वाकई दिव्य और भव्य रहा इस बार का कुम्भ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कुम्भ 2019 के औपचारिक समापन की घोषणा कर दी। आस्था के इस बड़े मेले की कई सुनहरी स्मृतियां हैं, जो इसका हिस्सा बने देश-दुनिया के करोड़ों लोगों के जेहन में लंबे...

कुम्भ 2019: वाकई दिव्य और भव्य रहा इस बार का कुम्भ
आनंद मिश्र संजोग मिश्र,प्रयागराज Wed, 06 Mar 2019 12:31 AM
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कुम्भ 2019 के औपचारिक समापन की घोषणा कर दी। आस्था के इस बड़े मेले की कई सुनहरी स्मृतियां हैं, जो इसका हिस्सा बने देश-दुनिया के करोड़ों लोगों के जेहन में लंबे समय तक बनीं रहेंगी।

केंद्र और प्रदेश सरकार के सहयोग से दिव्य और भव्य कुम्भ का स्लोगन तो चरितार्थ हुआ ही स्वच्छता और सुरक्षा के लिए यह कुम्भ खास तौर से याद किया जाएगा। 

गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम तट पर अमृत कुम्भ की शुरुआत 10 जनवरी से हुई थी। प्रदेश सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए इस बार अर्द्धकुम्भ को कुम्भ नाम दिया। कुम्भ अब महाकुम्भ होगा। यह पहला कुम्भ था, जो इलाहाबाद नहीं बल्कि प्रयागराज में हुआ क्योंकि कुम्भ से ठीक पहले प्रदेश सरकार ने जिले का नाम बदल दिया था। कुम्भ में आठ किलोमीटर में 40 स्नान घाटों पर पहली बार इतनी बड़ी तादाद में यानी देश-दुनिया के 24 करोड़ दस लाख लोगों ने डुबकी लगाई। 

पहली बार आए 70 देशों के राजनयिक
कुम्भ मेला की तैयारियां देखने के लिए पहली बार 70 देशों के राजनयिक प्रयागराज आए। विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह के साथ 15 दिसंबर को एयर इंडिया के विशेष विमान से आए राजनयिकों समेत 115 विदेशी मेहमानों को मेला की तैयारियों की जानकारी दी गई। ऐसा पहली बार हुआ जबकि कुम्भ मेला के दौरान श्रद्धालुओं ने संगम किनारे अकबर द्वारा बनवाए गए किले में स्थित अक्षयवट और सरस्वती कूप का दर्शन किया। पहली बार संगम किनारे अरैल में 60 एकड़ में टेंट सिटी बसाई गई। यहां 50 करोड़ की लागत से 1200 स्विस कॉटेज बनाए गए। वाराणसी से कुम्भ दर्शन को लाए गए प्रवासी भारतीयों को यहीं ठहराया गया था। कुम्भ में इस बार तकनीकी का भरपूर इस्तेमाल हुआ। पहली बार भीड़ का प्रबंधन आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस की मदद से तैयार साफ्टवेयर से किया गया। इससे भीड़ की सटिक जानकारी प्राप्त करने की मदद मिली। 

पीएम ने लगाई डुबकी, पखारे पांव
24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगम में स्नान कर मां गंगा की आरती उतारी। उन्होंने स्वच्छ कुम्भ के लिए पांच सफाई कर्मियों के पांव पखारे और गंगा पंडाल में आयोजित समारोह में सफाईकर्मियों, स्वच्छाग्रहियों, सुरक्षाकर्मियों तथा नाविकों को सम्मानित भी किया था।

राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति भी आए
कुम्भ में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, सीजेआई रंजन गोगोई, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ के साथ ही कई राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और तमाम केंद्रीय मंत्री आए। रणवीर कपूर, आलिया भट्ट, सोनू सूद, राखी सावंत, सुरेश बेरी, अनूप जलोटा, हेमामलिनी निर्माता-निर्देशक सुभाष घई, प्रकाश झा समेत फिल्मी दुनिया से जुड़े कई लोग भी कुम्भ का हिस्सा बनें।

पहली बार शामिल हुआ किन्नर अखाड़ा
कुम्भ में पहली बार किन्नर अखाड़ा शामिल हुआ। अखाड़े को सुविधाएं तो संस्था के तौर पर मिलीं लेकिन पहला शाही स्नान शुरू होने से पूर्व ही यह अखाड़ा सबसे बड़े जूना अखाड़े का हिस्सा बन गया।  

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