सपा-बसपा गठबंधन में RLD भी शामिल, जानें वेस्ट UP में क्या होगा असर
वेस्ट यूपी में सियासी समीकरण बनाने-बिगाड़ने का मद्दा रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल ने भी गठबंधन के साथ कदमताल के संकेत दे दिए हैं। रालोद(RLD) के साथ आने से माना जा रहा है कि गठबंधन और मजबूत होगा।...
वेस्ट यूपी में सियासी समीकरण बनाने-बिगाड़ने का मद्दा रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल ने भी गठबंधन के साथ कदमताल के संकेत दे दिए हैं। रालोद(RLD) के साथ आने से माना जा रहा है कि गठबंधन और मजबूत होगा। वेस्ट यूपी को साधने के लिए गठबंधन में रालोद की भागीदारी कितनी कारगर होती है इसका परिणाम तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इतना जरूर है कि अब अलीगढ़ सीट पर गठबंधन से मुकाबला कांग्रेस ही नहीं भाजपा के लिए भी मुश्किल हो सकता है।
अलीगढ़ मंडल की दो लोकसभा सीटों अलीगढ़ व हाथरस पर रालोद के असर नजरअंदाज करना संभव नहीं है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2004 में भाजपा के गठबंधन से हाथरस सीट पर रालोद ने अपने प्रत्याशी को संसद पहुंचाया तो अलीगढ़ सीट पर अपना प्रत्याशी उतारा जिसके चलते 25.94 फीसद मत लेने के बावजूद भाजपा सीट नहीं जीत सकी। रालोद प्रत्याशी ठा.दलवीर सिंह को 18.5 फीसदी वोट हासिल हुए। कांग्रेस के चौधरी बिजेंद्र सिंह यहां से संसद पहुंचे। फिर लोकसभा ही नहीं विधानसभा चुनाव में भी रालोद का रुतवा जनपद में कम नहीं है। जिले की खैर और इगलास विधानसभा रालोद के लिए छपरौली से कम नहीं है। लंबे समय तक इन दोनों सीटों पर रालोद ने अपना दबदबा बनाकर रखा था।
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2012 में भी दो सीटों पर रालोद ने यहां से जीत हासिल की थी। 2017 में मोदी लहर के बावजूद खैर विधानसभा पर रालोद प्रत्याशी ओमपाल सिंह ने 41,888 वोट हासिल करके तीसरा स्थान हासिल किया। इससे ईतर मौजूदा समय में लोकसभा पर असर की बात करें तो सपा-बसपा के प्रदर्शन को देखते हुए रालोद का साथ वेस्ट यूपी में कितना कारगर होगा इसका फैसला तो आने वाला समय करेगा लेकिन अलीगढ़ व हाथरस सीट पर भाजपा के लिए चुनौती को और कड़ा बनाने में इसे कारगर माना जा रहा है।
रालोद के नेताओं का मानना है कि गठबंधन में भले ही मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर पर सहमति बन गई हो लेकिन हाथरस सीट भी रालोद के खाते में ही आना तय है। रालोद नेताओं के इस दावे में कितना दम है इसका फैसला तो लोकसभा चुनाव के परिणाम ही करेंगे। गठबंधन, कांग्रेस और भाजपा में बाजी किसके हाथ लगती है ये रोचक ही नहीं रोमांचक भी होगा।
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