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श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट पर लगे आरोप पर जानिए चंपत राय ने क्या कहा

सपा के पूर्व राज्य मंत्री तेज नारायण पांडे पवन और आप सांसद संजय सिंह के आरोपों के संबंध में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि हम पर आरोप लगते रहते हैं। हम पर 100 साल...

श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट पर लगे आरोप पर जानिए चंपत राय ने क्या कहा
हिन्दुस्तान टीम,अयोध्याMon, 14 Jun 2021 09:24 AM
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सपा के पूर्व राज्य मंत्री तेज नारायण पांडे पवन और आप सांसद संजय सिंह के आरोपों के संबंध में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि हम पर आरोप लगते रहते हैं। हम पर 100 साल से आरोप लगाए जा रहे हैं। हम पर महात्मा गांधी की हत्या के भी आरोप लगाए गए। जिन्हें आरोप लगाना है वह लगाते रहें, हम इसकी चिंता नहीं करते हैं। ट्रस्ट को इस संबंध में कुछ भी नहीं कहना है। हम आरोप के संबंध में स्टडी करेंगे तब कुछ बोलेंगे। यह बात चंपत राय ने सर्किट हाउस में आयोजित रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की द्वितीय सत्र की मीटिंग के बाद मीडिया के सवालों के जवाब के तौर पर कही।

आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह व समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री तेज नारायन पाण्डेय पवन ने रविवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में जमीन खरीद के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने के आरोप लगाए हैं। दोनों नेताओं के आरोप हैं कि दो करोड़ रुपये की जमीन को साढ़े 18 करोड़ रुपये में खरीदा गया। दोनों नेताओं ने मामले की सीबीआई व ईडी से जांच कराने की मांग की है। संजय सिंह ने जहां लखनऊ  में प्रेस कांफ्रेंस की और दस्तावेज पेश किए वहीं पवन पाण्डेय ने अयोध्या में पत्रकारों के सामने आरोप लगाए।

संजय सिंह व तेज नारायण पाण्डेय ने अयोध्या में गाटा संख्या 243, 244 व 246 की जमीन के कागज दिखाते हुए कहा कि इसकी कीमत 5.80 करोड़ रुपये है लेकिन इसे दो करोड़ रुपये में कुसुम पाठक और हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने खरीदा। इस जमीन खरीद में अनिल मिश्र और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह बने। चंद मिनट बाद ये जमीन रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ रुपये में खरीदी। इस तरह लगभग साढ़े पांच लाख रुपये प्रति सेकेण्ड की दर से जमीन का दाम बढ़ गया। जो अनिल मिश्र और ऋषिकेश उपाध्याय पहली खरीद में गवाह थे वही ट्रस्ट के बैनामे में भी गवाह हैं। उन्होंने कहा कि यह मनी लांड्रिंग का मामला है। जो जमीन मंदिर ट्रस्ट ने खरीदी उसके एग्रीमेंट के लिए ई-स्टाम्प 5.11 बजे पर खरीदा गया और रवि मोहन तिवारी ने जो जमीन हरीश पाठक से खरीदी उसके लिए ई-स्टांप 5.22 बजे खरीदा गया। आखिर ट्रस्ट ने स्टाम्प पहले कैसे खरीद लिया? किसी भी ट्रस्ट में जमीन खरीद के लिए बोर्ड की मीटिंग करके प्रस्ताव पास किया जाता है। संजय सिंह ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट से लोगों की धार्मिक आस्था व विश्वास जुड़ा है लेकिन ट्रस्ट के पदाधिकारी लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं।

दोनों नेताओं के आरोपों पर 'हिंदुस्तान' ने रविवार को कई अधिकारियों व सरकार के प्रवक्ता से बात करने की कोशिश की और उनका पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन किसी से भी बात नहीं हो सकी। सबसे पहले कमिश्नर एमपी अग्रवाल और फिर जिलाधिकारी अनुज कुमार झा से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन दोनों ही अधिकारियों से बात नहीं हो पाई। अपर जिलाधिकारी राजस्व गोरेलाल शुक्ल से भी इन आरोपों के संबंध में पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन उनसे भी संपर्क नहीं हो पाया। उपनिबंधक ने भी फोन नहीं उठाया।
 

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