हाथरस से किशनलाल दिलेर, अलीगढ़ पर शीला गौतम ने चार बार फहराया परचम
अलीगढ़ और हाथरस लोकसभा सीट पर ज्यादातर भाजपा का दबदबा रहा है। अलीगढ़ सीट पर शीला गौतम और हाथरस सीट पर किशनलाल दिलेर ने लगातार चार बार परचम लहराया है। इन दोनों सीटों पर और कोई दल हैट्रिक नहीं लगा पाया...
अलीगढ़ और हाथरस लोकसभा सीट पर ज्यादातर भाजपा का दबदबा रहा है। अलीगढ़ सीट पर शीला गौतम और हाथरस सीट पर किशनलाल दिलेर ने लगातार चार बार परचम लहराया है। इन दोनों सीटों पर और कोई दल हैट्रिक नहीं लगा पाया है। हालांकि 1989 से पहले कांग्रेस ने दो बार जीत दर्ज की। इसके बाद 2004 में भले ही जीत दर्ज कर ली, लेकिन चुनावी जीत हैट्रिक नहीं बन सकी।
देश में राम लहर आने के बाद 1991 से भाजपा लगातार आगे बढ़ती गई। उससे पहले कांग्रेस व अन्य दलों का दबदबा रहा। अलीगढ़ और हाथरस लोकसभा सीट पर 1991 से भाजपा अपना दबदबा बनाती चली गई। वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में अलीगढ़ सीट से शीला गौतम ने जीत दर्ज की थी। जबकि हाथरस लोकसभा सीट से भाजपा के लाल बहादुर ने जनता दल के प्रत्याशी मूलचंद को हराकर जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1996 में हाथरस सीट आरक्षित हो गई तो भाजपा ने किशनलाल दिलेर को मैदान में उतारा गया। उन्होंने पहली बार में जीत दर्ज करने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। यही स्थिति अलीगढ़ लोकसभा से शीला गौतम की रही। भाजपा भी इन दोनों सीटों पर किशनलाल दिलेर और शीला गौतम पर ही भरोसा जताती रही। नतीजा यह रहा है कि किशनलाल दिलेर लगातार चार बार सांसद चुने गए। वहीं शीला गौतम ने भी लगातार चार बार जीत दर्ज की।
कांग्रेस की बात करें तो 1952 में नरदेव व 1984 में ऊषा रानी ने जीत दर्ज की। इसके बाद 2004 में कांग्रेस से चौ. बिजेंद्र सिंह जीत चुके हैं। बसपा से अलीगढ़ में केवल एक बार 2009 में राजकुमारी चौहान ने जीत दर्ज की। सपा से तो अभी तक कोई भी सांसद नहीं चुना जा सका है।
परिवार के साथ होली मनाने के लिए इटावा पहुंचे मुलायम सिंह यादव