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कंगना के बयान को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ने देशद्रोह बताया, कहा-माफी मांगें

देश की आजादी को लेकर अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को प्रयागराज पहुंची किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कंगना के बयान को गलत...

कंगना के बयान को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ने देशद्रोह बताया, कहा-माफी मांगें
प्रयागराज हिन्दुस्तान टाइम्सMon, 15 Nov 2021 07:02 PM

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देश की आजादी को लेकर अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को प्रयागराज पहुंची किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कंगना के बयान को गलत बताते हुए कहा कि उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए और अपना बयान वापस लेना चाहिए। उन्होंने कंगना के बयान को देशद्रोह भी बताया। 

कंगना ने एक चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि 1947 में आजादी की भीख मिली थी। भारत को असली आजादी 2014 में मिली। कंगना के इस बयान पर देश भर से प्रतिक्रियाएं आईं। सबसे पहले भाजपा सांसद वरुण गांधी की प्रतिक्रिया आई। इस पर कंगना ने पलटवार भी किया था। 

ट्रांसजेंडर संतों की मठ व्यवस्था की मुखिया लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि देश की आजादी के बारे में इस तरह का बयान लोकतंत्र और संविधान का अपमान है। देश के कई महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना खून बहाया, सत्याग्रह में भाग लिया और अपना सब कुछ बलिदान कर दिया ताकि देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त किया जा सके। कंगना का बयान स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। 

उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में सभी को बोलने की आजादी है और राजनीतिक बयानबाजी भी की जा सकती है लेकिन देश की आजादी की तुलना 2014 में बनी किसी भी राजनीतिक दल की सरकार से नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक देश में बीजेपी की सरकार है, यह स्वागत योग्य है और देश की आजादी के बाद बनी सरकारों के लिए भी यही है। महामंडलेश्वर ने कहा कि देश की आजादी के बारे में खराब बोलना ठीक नहीं है। उन्होंने कंगना रनौत के इस बयान को 'देशद्रोह' करार दिया और कहा कि प्रचार के लिए इस तरह के बयान देने का अधिकार किसी को नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक साथ लड़ाई लड़ी थी, चाहे वे कांग्रेस से हों या संघ के लोग। वामपंथी विचारधारा और दक्षिणपंथी सभी ने मिलकर लड़ाई लड़ी थी। 

अन्नपूर्णा की प्रतिमा वापस लाने का स्वागत

महामंडलेश्वर ने कहा कि किन्नर अखाड़ा 108 साल बाद कनाडा से 'माँ अन्नपूर्णा' की मूर्ति वापस लाने का स्वागत करता है। प्रतिमा आज वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथ के पास स्थापित की गई। त्रिपाठी ने कहा कि किन्नर अखाड़ा ऐसे प्रयासों का स्वागत करता है और ब्रिटिश संग्रहालय हमारे धर्म और विरासत से जुड़ी कलाकृतियों से भरा पड़ा है। इसी तरह कई मूर्तियां हैं जो अभी भी विदेशी संग्रहालयों में हैं और उन्हें भी वापस लाया जाना चाहिए। आचार्य महामंडलेश्वर ने भी राष्ट्रीय सनातन सेना द्वारा निकाले गए जुलूस का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि किन्नर अखाड़ा उन सभी संगठनों के साथ है जो देश की प्रगति के लिए काम कर रहे हैं।

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