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Hindi News उत्तर प्रदेश30 महीने बाद आज जेल से बाहर आ सकती है बिकरू कांड की खुशी दुबे, कोर्ट ने रजिस्‍ट्रार से किया जवाब तलब 

30 महीने बाद आज जेल से बाहर आ सकती है बिकरू कांड की खुशी दुबे, कोर्ट ने रजिस्‍ट्रार से किया जवाब तलब 

तीस महीने से जेल में बंद बिकरू कांड की आरोपित खुशी दुबे की शनिवार को जेल से सम्‍भव है। किशोर न्याय बोर्ड से शुक्रवार को रिहाई परवाना जेल भेज दिया गया। खुशी की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर की थी।

30 महीने बाद आज जेल से बाहर आ सकती है बिकरू कांड की खुशी दुबे, कोर्ट ने रजिस्‍ट्रार से किया जवाब तलब 
Ajay Singhहिन्‍दुस्‍तान,कानपुर देहातSat, 21 Jan 2023 05:55 AM

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तीस महीने से जेल में बंद बिकरू कांड की आरोपित खुशी दुबे की शनिवार को जेल से रिहाई हो सकती है। किशोर न्याय बोर्ड से शुक्रवार को रिहाई परवाना जेल भेज दिया गया। हालांकि रजिस्ट्रार की सत्यापन रिपोर्ट अधूरी होने से सेशन कोर्ट का परवाना अटक गया है। शनिवार की उसकी भी कागजी प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद जताई जा रही है। उधर, सत्यापन रिपोर्ट अधूरी होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताने के साथ ही रजिस्ट्रार जोन-4 को नोटिस जारी कर प्रपत्र दुरुस्त करने और 23 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। रजिस्ट्री आफिस से भले सत्यापन की खामी दूरकर शनिवार को रिपोर्ट कोर्ट पहुंच जाएगी लेकिन रजिस्ट्रार को इसके बारे में जवाब देना होगा।

खुशी दुबे बिकरू कांड की मुख्य घटना के अलावा फर्जी सिम मामले में भी आरोपित है। सिम कार्ड में धोखाधड़ी का मामला किशोर न्याय बोर्ड जबकि मुख्य घटना का मुकदमा सेशन कोर्ट में चल रहा है। किशोर न्याय बोर्ड में धोखाधड़ी के केस में जमानत की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुक्रवार को उसकी रिहाई का परवाना जेल भेज दिया गया। एडीजे-13 पाक्सो कोर्ट में रजिस्ट्री आफिस से शुक्रवार शाम जमानत सत्यापन रिपोर्ट पहुंची। इसमें कालोनी की मालियत का खुलासा नहीं किया गया था। अधूरी रिपोर्ट होने पर सेशन कोर्ट से रिहाई परवाना अटक गया। शनिवार को सत्यापन की खामी दुरुस्त कर रजिस्ट्री आफिस से इसके विशेष वाहक के जरिए कोर्ट में आने की संभावना है। रिपोर्ट आते ही इस कोर्ट से भी रिहाई परवाना जेल पहुंच जाएगा और उसकी रिहाई का रास्ता साफ हो जाएगा।

किशोर न्याय बोर्ड में आधे घंटे के लिए अटकी सांसें
किशोर न्याय बोर्ड में सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर जमानत के प्रपत्र मिलान का काम हुआ। रिहाई परवाना बनाने के पहले जेल से वारंट के मिलान की जानकारी की गई तो वहां से धारा 418, 420 का वारंट होने की जानकारी दी गई, जबकि बोर्ड में धारा 419, 420 में मुकदमा चल रहा है। इस पर बोर्ड से विशेष वाहक जेल पहुंचे वहां से वारंट को देखा गया तब पता चला की पढ़ने में त्रुटि के कारण धारा गलत बता दी गई। इसमें आधे घंटे मामला फंसा रहा। शाम 4.50 बजे बोर्ड से खुशी की रिहाई का परवाना जेल भेजा जा सका। बोर्ड में उसके पिता, भाई और बहन पहुंचे थे।

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