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अागरा के इंजीनियरिंग कॉलेज में कानपुर के छात्र ने की खुदकुशी

हाईवे पर फरह (मथुरा) स्थित हिन्दुस्तान कॉलेज के सीनियर ब्वॉयज हॉस्टल में शुक्रवार को इंजीनियरिंग छात्र प्रियांशु पटेल ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। साथियों ने दरवाजा तोड़कर उसे फंदे से उतारा।...

अागरा के इंजीनियरिंग कॉलेज में कानपुर के छात्र ने की खुदकुशी
लाइव टीम,कानपुरSat, 25 Nov 2017 01:53 AM
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हाईवे पर फरह (मथुरा) स्थित हिन्दुस्तान कॉलेज के सीनियर ब्वॉयज हॉस्टल में शुक्रवार को इंजीनियरिंग छात्र प्रियांशु पटेल ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। साथियों ने दरवाजा तोड़कर उसे फंदे से उतारा। एसएन मेडिकल कॉलेज लेकर गए मगर उसे बचाया नहीं जा सका। वह मैकेनिकल ब्रांच में अंतिम वर्ष का छात्र था। उसकी मौत से आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज में बवाल कर दिया। तोड़फोड़ के बाद हाईवे पर जाम लगा दिया। आत्महत्या की वजह साफ नहीं हो सकी है। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
मूल रूप से कानपुर के चौबेपुर निवासी प्रियांशु पटेल पुत्र संतसरन होनहार छात्र था। थर्ड ईयर में उसके 74 प्रतिशत अंक आए थे। कैंपस प्लेसमेंट में दो कंपनियों में उसका चयन हो गया था। वह हॉस्टल के कमरा नंबर 404 में रहता था। 406 में रहने वाले दोस्त मयंक ने बताया कि सुबह करीब साढ़े दस बजे वह प्रियांशु को बुलाने पहुंचा। दरवाजा अंदर से बंद था। आवाज देने पर उसे सिर्फ हां सुनाई पड़ा। उसके बाद कोई जवाब नहीं मिला। उसने दरवाजा खटखटाया। कोई रेस्पोंस न मिलने पर रोशनदान से झांका तो अंदर प्रियांशु फंदे पर लटका था। साथियों की मदद से शीशे तोड़े। दरवाजा तोड़ा। शोर पर कॉलेज प्रशासन के लोग आ गए। आनन-फानन में प्रियांशु को आगरा लाया गया। एसएन मेडिकल कॉलेज में उसे मृत घोषित कर दिया गया। शव पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया।
रजिस्ट्रार एसएस कपूर साथ आए थे। उन्होंने बताया कि छात्र के कदम ने हर किसी को हिला दिया है। छात्र ने इंटरनेट केबिल से फांसी लगाई थी। वहीं, दूसरी तरफ प्रियांशु की मौत की खबर पर कॉलेज में छात्र भड़क गए। मेस, कैंटीन में तोड़फोड़ कर दी। सैकड़ों छात्र धरने पर बैठ गए। 
सबको हंसाने वाला एक पल में छोड़कर चला गया
प्रियांशु पटेल के फांसी लगाने की घटना ने सभी को हैरान कर दिया। प्रियांशु ऐसा छात्र नहीं था, जिसकी कॉलेज में कोई पहचान न हो। वह जिंदादिल, हंसमुख और पढ़ाई में भी अव्वल था। कॉलेज में उसकी अपनी पहचान थी। जिससे भी मिलता, उसका दिल जीत लेता। साथियों को उसकी याद रह-रहकर सता रही है। साथी भी समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर उसे क्या दिक्कत थी। कौन सी चिंता सताए जा रही थी, जिसके चलते उसने आत्मघाती कदम उठाया। अपनी परेशानी का जिक्र तक नहीं किया। प्रियांशु की मौत की घटना ने उसके परिजनों को तोड़ दिया है। पिता कोटेदार हैं। पूरा परिवार सदमे में है। मोहल्ले के लोग भी सन्न हैं। हर कोई यह बोल रहा है कि जब माता-पिता को संभालने का समय आया तो बेटे ने ऐसा कदम उठा लिया। बेटे को इंजीनियर बनाने के लिए पिता ने बहुत संघर्ष किया।
गहरे दोस्त भी प्रियांशु के इस कदम से हैं हैरान
कॉलेज में प्रियांशु की मयंक और रजत से गहरी दोस्ती थी। साथियों ने बताया कि दोनों भी इस बात से अनजान हैं कि प्रियांशु को क्या परेशानी थी। उसके साथियों ने बताया कि गुरुवार शाम सभी मिले थे। अच्छे से बात हुई थी। इसके बाद प्रियांशु अपने कमरे की तरफ गया था। साथी अपने स्तर से यह भी पता लगा रहे हैं कि यह मामला प्यार का तो नहीं है। दोस्तों ने बताया कि प्रियांशु किसे पसंद करता था, यह आज तक किसी को नहीं बताया। उसे कॉलेज में कभी किसी लड़की के साथ घूमते भी नहीं देखा। वे खुद नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर क्या हुआ होगा। उसका कभी किसी से कोई झगड़ा नहीं हुआ। वह गुस्से में गाली भी देता था तो दोस्त उस पर हंसते थे। दोस्तों ने बताया कि वह कभी पढ़ाई की चिंता नहीं करता था। पढ़ाई के समय पढ़ाई करता था और मस्ती के समय मस्ती। कभी उसने पढ़ाई का तनाव नहीं लिया। दो कंपनियों में उसका चयन हुआ था। वह अपनी मर्जी से किसी भी कंपनी को ज्वाइन कर सकता था। कॉलेज में कई छात्र ऐसे हैं, जिनका प्लेसमेंट नहीं हुआ है। वह साथियों को समझाता था। कहता था कि अभी पढ़ाई करो। नौकरी तो मिल जाएगी। नौकरी की चिंता करोगे तो पढ़ाई में मन नहीं लगेगा। बैक आ जाएगी।

 

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