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देश के अन्य शहरों से अलग और खास होगी कानपुर की मेट्रो, जानिये क्या हैं खासियतें

देश के दस बड़े शहरों में संचालित मेट्रो वाले शहरों की लिस्ट में बहुत जल्द कानपुर का भी नाम जुड़ने वाला है। इन दस शहरों की अपेक्षा कानपुर मेट्रो कुछ खास और अलग रहने वाली है। कानपुर मेट्रो के...

देश के अन्य शहरों से अलग और खास होगी कानपुर की मेट्रो, जानिये क्या हैं खासियतें
कानपुर लाइव हिन्दुस्तानTue, 17 Nov 2020 05:02 PM
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देश के दस बड़े शहरों में संचालित मेट्रो वाले शहरों की लिस्ट में बहुत जल्द कानपुर का भी नाम जुड़ने वाला है। इन दस शहरों की अपेक्षा कानपुर मेट्रो कुछ खास और अलग रहने वाली है। कानपुर मेट्रो के कार्य की शुरुआत को एक वर्ष हो गया है, माना जा रहा है अगले वर्ष तक शहरवासियों का मेट्रो में सफर करने सपना पूरा हो जाएगा।

अभी तक देश में कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, बंगलुरु, हैदराबाद, जयपुर, गुरुग्राम, मुंबई, कोच्चि और लखनऊ में मेट्रो का संचालन हो रहा है। कानपुर में 15 नवंबर 2019 को मेट्रो कार्य का शुरभारंभ हुआ था। यहां मेट्रो लाइन निर्माण में इस्तेमाल डबल टी गार्डर ने पूरे देश में खास बना दिया है। एक वर्ष में स्टेशन के निर्माण को डबल टी गार्डर ने तेज रफ्तार दी है। यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन ने कानपुर मेट्रो परियोजना में स्टेशनों के पहले तल को बनाने में डबल टी गार्डर का इस्तेमाल किया, जबकि इससे पहले देश में मेट्रो के निर्माण में सिंगल टी गार्डर का इस्तेमाल किया जा रहा था।

इससे कार्य की रफ्तार भी तेज हो जाती है और स्ट्रक्चर की फिनिशिंग भी अच्छी रहती है। आईआईटी का निर्माणाधीन स्टेशन इसका उदाहरण है। मेट्रो के अधिकारी अब 15 नवंबर 2021 तक मेट्रो को चलाने की बात कह रहे हैं। यदि समय रहते कार्य पूरा हुआ तो बहुत जल्द शहरवासियों का मेट्रों में सफर करने का सपना पूरा हो जाएगा।

कानपुर में बन रही मेट्रो के दोनों कॉरिडोर की अनुमानित लागत 11076.48 करोड़ है। इसे 2024 तक पूरा करना है। पहला कॉरिडोर आईआईटी से नौबस्ता तक होगा। इसमें 21 स्टेशन होंगे। जिसमें 14 एलिवेटेड और 7 अंडरग्राउंड होंगे। इसकी लंबाई करीब 23 किलोमीटर होगी। दूसरा कॉरिडोर सीएसए से बर्रा तक बनेगा। इसमें 8 स्टेशन होंगे। 

नौ किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर दोनों शिफ़्टों में 25 से 30 ऐसे स्पॉट चुने गए हैं, जहां ट्रैफ़िक जाम की आशंका अधिक होती है। इसके साथ ही ट्रैफ़िक डायवर्ज़न में सावधानी बरतने की जरूरत होती है। यहां मेट्रो के 50 मार्शल तैनात हैं। जो ट्रैफ़िक नियंत्रण में मदद करते हैं।

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