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कानपुरः आईआईटियंस ने नुक्कड़ नाटक के जरिए सेक्स एजुकेशन को बताया जरूरी

सेक्स एजुकेशन पर खुलकर बात करने की जरूरत है। बच्चे भगवान की देन हैं, ईश्वर चाहेगा तो हो जाएगा।  यह तुम्हारे समझने की जरूरत नहीं, बड़े होगे तो समझ जाओगे। अब  इससे काम नहीं चलेगा। बच्चों से...

कानपुरः आईआईटियंस ने नुक्कड़ नाटक के जरिए सेक्स एजुकेशन को बताया जरूरी
वरिष्ठ संवाददाता ,कानपुर Wed, 25 Jul 2018 10:09 PM
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सेक्स एजुकेशन पर खुलकर बात करने की जरूरत है। बच्चे भगवान की देन हैं, ईश्वर चाहेगा तो हो जाएगा।  यह तुम्हारे समझने की जरूरत नहीं, बड़े होगे तो समझ जाओगे। अब  इससे काम नहीं चलेगा। बच्चों से खुलकर बात करनी होगी, ताकि उन्हें भटकाव से बचाया जा सके। 
आईआईटी कानपुर के ड्रामैटिक क्लब ने नुक्कड़ नाटक पेश करके कुछ इस तरह का संदेश दिया है। नाट्यमंडली ने नए छात्रों को जागरूक किया। संस्थान की फुर्सत मंडली ने 'दोबारा मत पूछना' नामक नाटक के मंचन से छात्रों ने यह समझाने की कोशिश की कि सेक्स एजूकेशन की कमी की वजह से किस तरह लोग अज्ञान हो जाते हैं और उससे दिक्कत पैदा होती है। यह बताने की कोशिश की गई कि दोस्तों के जरिए,  यू- ट्यूब, सोशल मीडिया और पोर्न फिल्मों से मिलने वाले सेक्स एजुकेशन का नुकसान है। इससे मिलने वाला एजुकेशन ठीक नहीं है। इससे अच्छा है कि घर में ही चर्चा हो। बच्चों की जिज्ञासाओं पर टालमटोल नहीं करें।  अंडर ग्रेजुएट छात्रों ने वाई-18 बैच के छात्र छात्राओं के लिए नाटक पेश किया। छात्र चित्रल का कहना है कि इस नुक्कड़ नाटक का मुख्य उद्देश्य छात्रों को जागरूक करने के साथ समाज में भी यह संदेश देना है कि बच्चों की जिज्ञासाओं को वैज्ञानिक तरीके से समझाएं। इस मौके पर सचिन, रोहन, जीतेन्द्र, अंशुमाली, अजीत, कुणाल आदि छात्र शामिल थे।

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