ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशकानपुर : कोविड वैक्सीन BBW-152 की पहली डोज के ट्रायल का परिणाम सुखद

कानपुर : कोविड वैक्सीन BBW-152 की पहली डोज के ट्रायल का परिणाम सुखद

आईसीएमआर की कोविड वैक्सीन बीबीवी-152 की पहली डोज का ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल का परिणाम सुखद रहा। कानपुर में 33 वालंटियर्स को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी। डोज देने के 11 दिन के बाद भी सभी वालंटियर्स...

कानपुर : कोविड वैक्सीन BBW-152 की पहली डोज के ट्रायल का परिणाम सुखद
राजेश द्विवेदी, कानपुरTue, 11 Aug 2020 09:51 AM
ऐप पर पढ़ें

आईसीएमआर की कोविड वैक्सीन बीबीवी-152 की पहली डोज का ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल का परिणाम सुखद रहा। कानपुर में 33 वालंटियर्स को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी। डोज देने के 11 दिन के बाद भी सभी वालंटियर्स स्वस्थ हैं। सिर्फ दो ने वैक्सीन लगाए जाने वाली जगह पर लालिमा आने की जानकारी दी है। शेष 31 ने वैक्सीन के लगने के बाद से किसी भी तरह के दर्द, बुखार या उलझन की शिकायत नहीं की है। अब सभी के एंटी बॉडीज टाइटर टेस्ट के लिए ब्लड सैम्पल लेकर वैक्सीन की दूसरी डोज 13 व 14 अगस्त को लगाई जाएगी।

आईसीएमआर ने वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए कानपुर के प्रखर हॉस्पिटल का चयन किया है। स्क्रीनिंग रिपोर्ट को हरी झंडी मिलने के बाद वैक्सीन ट्रायल टीम के डॉक्टरों ने 31 जुलाई को 22 और 1 अगस्त को 11 वालंटियर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी। ट्रायल टीम के चीफ गाइड डॉ. जेएस कुशवाहा के अनुसार सभी 33 वालंटियर्स पर वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद आए बदलावों की एक रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजी गई है। सभी वालंटियर्स पूरी तरह से स्वस्थ हैं। वैक्सीन के बाद वालंटियर्स में कितनी एंटी बॉडीज विकसित हुईं, इसकी जानकारी आईसीएमआर की ओर से दी जाएगी।

चीफ गाइड डॉ. कुशवाहा का कहना है कि वालंटियर्स को दूसरी डोज लगने के 14 दिन के बाद फिर से एंटी बॉडीज टाइटर टेस्ट के लिए सभी के ब्लड सैम्पल लिए जाएंगे, फिर उन्हें आईसीएमआर को भेजा जाएगा। उन्होंने सफलता की पूरी उम्मीद जताई है।

शहर और बाहरी जिलों के वालंटियर्स
डॉ. कुशवाहा ने बताया कि 52 वालंटियर्स की स्क्रीनिंग की गई थी। इसमें कानपुर और आसपास के जिलों के वालंटियर्स को शामिल किया गया है। कोरोना के भय से और भी वालंटियर्स उनसे सम्पर्क कर ट्रायल का हिस्सा बनने की इच्छा जता रहे हैं।

यह भी जानें
-कोविड-19 वैक्सीन यानी कोवाक्सिन को कोडनेम बीबीवी 152 का नाम दिया गया है। यह एक इनएक्टिवेटेड वैक्सीन है।
-इसे हैदराबाद की भारत बायोटेक ने आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर बनाया है।
-यह वैक्सीन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के उन पार्टिकल्स से बनी है जिन्हें मार दिया गया ताकि वे संक्रमण न फैला सकें।
-इसे शरीर में इंजेक्शेन के माध्यम से दिया जाता है। इससे शरीर में कोविड-19 वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बनती है।
-कानपुर में इसके दो ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल के दो फेज होंगे, इसकी मंजूरी ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से मिल चुकी है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें