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कानपुर सेंट्रल बेहतर साफ-सफाई और खान-पान में मारी बाजी, यूपी के दूसरे ईट राइट स्टेशन का मिला दर्जा

रेलवे स्टेशन पर बेहतर खान-पान और स्वच्छता में कानपुर सेंट्रल ने बाजी मार ली है, यही वजह है कि यह यूपी का दूसरा ईट राइट स्टेशन कानपुर बन गया है। एफएसएसएआई ने इसका प्रमाण पत्र जारी किया है।

कानपुर सेंट्रल बेहतर साफ-सफाई और खान-पान में मारी बाजी, यूपी के दूसरे ईट राइट स्टेशन का मिला दर्जा
Pawan Kumar Sharmaहिन्दुस्तान,कानपुरThu, 09 Feb 2023 05:22 AM

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रेलवे स्टेशन पर बेहतर खान-पान और स्वच्छता में कानपुर सेंट्रल ने बाजी मार ली है, यही वजह है कि यह यूपी का दूसरा ईट राइट स्टेशन कानपुर बन गया है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसका प्रमाण पत्र जारी किया है। यह 26 दिसंबर 2024 तक मान्य रहेगा। अभी तक यूपी की सूची में प्रयागराज जंक्शन का ही नाम था।

सेंट्रल पर दूषित खान-पान और साफ-सफाई की शिकायतें लगातार आती थीं, जिसके बाद ये देश के सबसे गंदे स्टेशनों में शुमार हो गया था। इसके बाद रेलवे प्रशासन और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने मिलकर काम किया। अक्टूबर 2021 में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी की टीम ने यहां का सर्वे किया। वेंडरों और दुकानदारों से बातचीत कर ट्रेनिंग दी। उन्हें खान-पान की वस्तुओं में उपयोग करने वाले पानी, बर्तन, कच्चे माल, मसाले, एप्रेन और ग्लव्स के इस्तेमाल के तरीके बताए ताकि गुणवत्तापूर्ण खान-पान मिल सके। फिर इन नियमों का पालन कराया गया। जांच में स्वच्छता और बेहतर खान-पान के साथ अन्य मानक भी पूरे मिले। सहायक खाद्य आयुक्त द्वितीय विजय प्रताप सिंह के मुताबिक प्रमाणपत्र मिलने से सेंट्रल का नाम देशभर में होगा। जनता के बीच बेहतर छवि बनेगी।

आईआईटी बन चुका ईट राइट कैंपस

इससे पहले कानपुर में आईआईटी ईट राइट कैंपस बन चुका है। ईट राइट भोग का प्रमाण पत्र इस्कॉन मंदिर तो स्कूलों में जीडी गोयनका को मिल चुका है।

समोसा और छोला चावल का जायका हिट

कानपुर सेंट्रल का समोसा और छोला-चावल स्टेशन पर उतरने और यहां से गुजरने वाले यात्रियों कोर सबसे ज्यादा भाया। इसके अलावा पूड़ी-सब्जी और मसाल डोसा की भी यात्रियों ने खूब तारीफ की है। इन्हीं व्यंजनों ने सेंट्रल स्टेशन पर ईट राइट सर्वे को हिट कर दिया। खानपान और स्टॉलों की स्वच्छता भी शानदार निकली है। सर्वे में टीम ने व्यंजन चखने वाले 200 लोगों से तीन बार अलग-अलग विवरण लिया था। उनकी पसंद और नापसंद के बारे में पूछा था। गोपनीय तरीके से उनसे बातचीत की थी। यात्रियों ने रेट के हिसाब से भी व्यंजन को पसंद किया। इसके बाद ही यह प्रमाण पत्र जारी हुआ है। 

कानपुर सेंट्रल से 216 ट्रेनों का है आवागमन

कानपुर सेंट्रल से रोजाना 216 ट्रेनें गुजरती हैं। यहां 10 प्लेटफॉर्म हैं। सेंट्रल पर रोजाना 1.40 लाख यात्री आते-जाते हैं। यहां 28 छोटे-बड़े मिलाकर स्टॉल हैं। वहीं 54 वैध वेंडर हैं जो ट्रेनों में भी खाना पहुंचाते हैं। करीब 30 लाख रुपये की रोजाना कानपुर सेंट्रल पर खाद्य पदार्थों की बिक्री है।

इस मामले में सहायक वाणिज्य प्रबंधक रेलवे संतोष कुमार त्रिपाठी ने बताया कि स्टेशन पर भोजन की गुणवत्ता समय-समय पर चेक की जाती है। इसके साथ ही मानक से घटिया सामान बेचने पर स्टॉल संचालकों पर जुर्माना भी लगाया जाता है। यह प्रमाण पत्र इस बात का प्रमाण है कि सेंटर स्टेशन पर विकास कार्यों के साथ ही खानपान की गुणवत्ता सुधरी है। 

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