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कमलेश हत्याकांडः हत्यारों के निशाने पर थे तीन और नेता, ये थी प्लानिंग

कमलेश हत्याकांडः हत्यारों के निशाने पर थे तीन और नेता, ये थी प्लानिंग

संक्षेप: कमलेश हत्याकांड में पुलिस अफसरों ने सबसे पहले दोनों हत्यारोपियों से यह पूछा कि लखनऊ में हत्या करने के बाद उनका मूवमेंट कहां और कैसे-कैसे रहा। अशफाक ने बताया कि वह लोग 18 अक्तूबर को हत्या करने के बाद...

Fri, 25 Oct 2019 01:58 PMgunateet हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ
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कमलेश हत्याकांड में पुलिस अफसरों ने सबसे पहले दोनों हत्यारोपियों से यह पूछा कि लखनऊ में हत्या करने के बाद उनका मूवमेंट कहां और कैसे-कैसे रहा। अशफाक ने बताया कि वह लोग 18 अक्तूबर को हत्या करने के बाद इनोवा से बरेली गए थे। बरेली में शाम साढ़े सात बजे इन लोगों ने नागपुर में आसिम अली को फोन किया। आसिम के कहने पर नावेद नाम का वकील इन लोगों के पास पहुंचा और एक दरगाह तक ले गया। फिर यहां मौलाना सैय्यद कैफी से दोनों को मिलवाया।

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मौलाना को पूरी बात बतायी तो उसने दरगाह में ही कुछ देर रोका। फिर इन्हें वहां के होटल कादिर ले गए। अशफाक मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव था लिहाजा उसने खुद ही दवा मंगवाकर मरहमप‌ट़टी कर ली। फिर नावेद ही उन्हें अपनी कार से नेपाल सीमा तक ले गया। इस सीमा से दोनों कूछ दूरी तक अल्ग-अलग पैदल गये। इसके बाद नावेद फिर उन्हें मिल गया और कार से शहीदगंज तक ले गया। शहीदगंज में एक परिचित के घर पूरी रात रुकवाया। यहां से दूसरे दिन ये लोग नेपाल से पलिया आ गए। पलिया से इनोवा गाड़ी से शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पहुंच थे। फिर से ये लोग दिल्ली चले गए। 21 अक्तूबर की सुबह दिल्ली में शाम तक घूमे, फिर पोरबन्दर एक्सप्रेस से सूरत के लिये निकल गए थे।

लखनऊ में समर्पण करना था

अशफाक ने बताया कि बरेली जाना उनके प्लान में नहीं था। उन्होंने कहा था कि वह सबको जताना चाहते थे कि जो भी उनकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचायेगा, उसे खत्म कर दिया जायेगा। यही वजह थी कि वह हर जगह अपनी असली आईडी ही लगा रहे थे। वारदात के बाद उन्होंने लखनऊ में मीडिया के सामने अथवा किसी थाने में समर्पण करने की योजना बना रखी थी। पर, हमले में घायल हो जाने की वजह से उन्हें लगा कि अब समर्पण किया तो इलाज भी नहीं कराया जायेगा। इसके बाद ही उन्होंने नागपुर में आसिम अली और सूरत में रशीद से बात की तो उन्हें बरेली जाने को कहा गया। आसिम ने हर मदद दिलाने की बात कही थी।

गला काटकर वीडियो वायरल करना था

दोनों ने यह कहकर अफसरों को चौंका दिया कि उन्हें कमलेश का गला काटकर धड़ से अलग करना था। फिर इसे हाथ में लेकर वीडियो वायरल करना था। ऐसा कहकर वह लोगों को चेताना चाहते थे कि अब कोई टिप्पणी नहीं होनी चाहिये। पर, वहां घायल होने और पकड़े जाने के डर से पूरी तरह से गला नहीं रेत सके थे।

चार लोग थे निशाने पर

अशफाक ने बताया कि हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी के अलावा यूपी अध्यक्ष गौरव गोस्वामी, सूरत के ही एक नेता और लखनऊ में विवादित बयान देने वाले उसके सम्पद्राय के ही एक व्यक्ति निशाने पर थे।

एक ही पिस्टल थी, दो चाकू थे

हत्यारों ने बताया कि उनके पास एक ही पिस्टल थी और दो चाकू थे। दोनों चाकुओं का इस्तेमाल हत्या में किया गया था। अभी तक यह सामने आ रहा था कि दोनों हत्यारों के पास पिस्टल थी। यह पिस्टल उन्हें सूरत में ही आसिम अली ने उपलब्ध करायी थी।

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