Kamlesh Murder case : बरेली के मौलाना ने ही कराया था हत्यारे का इलाज
कमलेश तिवारी की हत्या कर भागे अशफाक और मोइनुद्दीन को बरेली में शरण देने वाले मौलाना सैय्यद कैफी अली रिजवी भी सोमवार देर रात पकड़ लिये गए थे। उन्हें मंगलवार सुबह एसआईटी लखनऊ लेकर आई। यहां पूछताछ में...
कमलेश तिवारी की हत्या कर भागे अशफाक और मोइनुद्दीन को बरेली में शरण देने वाले मौलाना सैय्यद कैफी अली रिजवी भी सोमवार देर रात पकड़ लिये गए थे। उन्हें मंगलवार सुबह एसआईटी लखनऊ लेकर आई। यहां पूछताछ में कई खुलासे हुए। एसआईटी सूत्रों का दावा है कि कैफी अली ने ही घायल हत्यारे की बरेली में मरहम-पट्टी करायी थी।
एसआईटी ने बरेली के कैफी अली से करीब तीन घंटे तक लगातार पूछताछ की। इस दौरान उनके सामने उनके मोबाइल की कॉल डिटेल भी रखी गई। इन नंबरों में आठ नंबर संदिग्ध लग रहे थे। इन नंबरों पर भी एसआईटी ने बातचीत की। इनमें दो नंबर लगातार स्विच ऑफ मिलते रहे। एसआईटी ने बताया कि बरेली में डॉक्टर से इलाज की बात पहले ही सामने आ गई थी। बरेली में हत्यारों के छिपे रहने की पुष्टि होते ही एसआईटी बरेली में भी सक्रिय हो गई थी। इसी बीच नागपुर में भी एक मददगार आसिम अली पकड़ लिया गया। इसके बाद ही बरेली पुलिस को कुछ और जानकारियां मिली जिसके आधार पर वह मौलाना तक पहुंच गई।
मौलाना के पास ही पहुंचे थे हत्यारे
लखनऊ के खुर्शेदबाग में कमलेश तिवारी की हत्या करने के बाद हत्यारों ने होटल खालसा इन में कपड़े बदले, फिर रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां से दोनों लोग बरेली पहुंचे। बरेली में सबसे पहले वह मौलाना के पास ही पहुंचे थे। पुलिस का दावा है कि इन मौलाना ने ही उन्हें शरण दी, फिर ट्रेन से ही मुरादाबाद भेज दिया। मुरादाबाद स्टेशन पहुंचने से पहले ही ये लोग उतर गए थे। इन्हें भनक लग चुकी थी कि मुरादाबाद में ट्रेन की चेकिंग की जायेगी।