कमलेश तिवारी हत्याकांडः जानें हत्यारों ने फोन पर कमलेश से क्या कहा था
अशफाक और मोइनुद्दीन ने पुलिस अफसरों को यह कहकर चौंका दिया कि नावेद ने उन्हें बताया था कि एसटीएफ उनके पीछे-पीछे शाहजहांपुर तक आ गई है। इसके बाद ही वे लोग शाहजहांपुर से दिल्ली जाने वाली ट्रेन पर बैठ गए...
अशफाक और मोइनुद्दीन ने पुलिस अफसरों को यह कहकर चौंका दिया कि नावेद ने उन्हें बताया था कि एसटीएफ उनके पीछे-पीछे शाहजहांपुर तक आ गई है। इसके बाद ही वे लोग शाहजहांपुर से दिल्ली जाने वाली ट्रेन पर बैठ गए थे। 20 अक्तूबर की रात यहां से चले और 21 की सुबह दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली में शाम तक इन लोगों ने लालकिला, जामा मस्जिद घूमे। फिर दिल्ली से पोरबन्दर एक्सप्रेस से सूरत के लिये चल दिये थे।
शाहजहांपुर में ही चूकी थी यूपी पुलिस
पुलिस अफसरों ने बताया कि दोनों आरोपियों की कई कॉल वह लोग सर्विलांस की मदद से सुन ले रहे थे। इसी दौरान एक कॉल में परिजनों से अशफाक ने शाहजहांपुर से लखनऊ जाकर समर्पण करने को कहा था। इस पर 20 अक्तूबर को शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पहुंची पुलिस ट्रेन से बरेली के लिये चल दी। इस ट्रेन की तलाशी भी ली जाती रही। बस, इस ट्रेन पर चढ़ना ही यूपी पुलिस की चूक हो गई। यूपी पुलिस बरेली से लखनऊ तक उनके लिये चेकिंग करती रही। लखनऊ में इटौंजा से सीतापुर तक हर थाने की पुलिस मुख्य मार्ग और रेलवे-बस स्टेशन पर तलाशी ही लेती रह गई और वह लोग सूरत पहुंच गए।
गुजरात एटीएस परिजनों के सम्पर्क में थी
गुरुवार को कई घंटे तक की पूछताछ में जब सारी बातें सामने आयी तो गुजरात एटीएस पर सवाल भी उठाये गए। मसलन गुजरात एटीएस ने कहा था कि ये लोग ट्रक से राजस्थान-गुजरात सीमा पर पहुंचे थे। जबकि दोनों ने पोरबन्दर एक्सप्रेस से गुजरात जाने की बात कही है। इसके अलावा अशफाक के घर वालों के लगातार सम्पर्क में गुजरात एटीएस थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गुजरात एटीएस के अफसरों के सामने ही अशफाक की पत्नी व पिता उससे बात करते थे। ये लोग ही दबाव बनाते रहे थे कि वे लोग गुजरात आ जाये...।
कानपुर में फेंक दिये थे दोनों फोन
हत्यारों ने बताया कि 16 अक्तूबर को वह लोग सूरत से कानपुर के लिये निकले थे। रास्ते में प्रदीप और कमल नाम के दो युवकों से दोस्ती कर ली। इनसे खूब बातें की। फिर इनके साथ ही कानपुर में एक स्टोर से जियो कम्पनी का मोबाइल नए सिम समेत लिया। इस नये नम्बर (9696....8330) से कमलेश तिवारी को फोन किया था। इसके बाद उन्होंने अपने दोनों फोन रास्ते में फेंक दिये थे। इसके बाद कॉल उन्होंने दोनों युवकों के फोन से भी की थी। कमलेश ने होटल में मिलने की बात कही थी लेकिन उन लोगों ने सुरक्षाकर्मी साथ होने की वजह से कहा था कि वह लोग ही मिलने आ जायेंगे। तब कमलेश ने दोपहर 12 बजे के बाद आने को कहा था।