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कैराना-नूरपुर चुनाव में भाजपा ने बदली अपनी रणनीति, पिछले उपचुनाव में हार से लिया सबक, दूर की खामियां

गोरखपुर-फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में हार से सबक लेते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव जीतने के लिए अपनी रणनीति में बड़ा फेरबदल किया है। गोरखपुर व फूलपुर चुनाव की...

 कैराना-नूरपुर चुनाव में भाजपा ने बदली अपनी रणनीति, पिछले उपचुनाव में हार से लिया सबक, दूर की खामियां
लाइव हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSat, 26 May 2018 12:18 AM
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गोरखपुर-फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में हार से सबक लेते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव जीतने के लिए अपनी रणनीति में बड़ा फेरबदल किया है। गोरखपुर व फूलपुर चुनाव की खामियां दूर करते हुए पार्टी ने  कैराना और नूरपुर में सेक्टर स्तर पर चुनाव संचालन समिति का गठन किया है। इसके अलावा सेक्टर व मंडल स्तर पर पदाधिकारियों की तैनाती कर उनकी जिम्मेदारी व जवाबदेही तय कर दी है। जाट, कश्यप, सैनी, गूर्जर और वैश्य जैसे हर समाज को भाजपा के पक्ष में करने के लिए विशेष टोलियां बनाई हैं। इन टोलियों  का नेतृत्व उस समाज में प्रभावी नेता कर रहे हैं।  

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पोलिंग और भाजपा के पक्ष में मत प्रतिशत बढ़ाने पर जोर
जीतने  के प्रति अति आत्मविश्वास के कारण भाजपा ने गोरखपुर और फूलपुर में पोलिंग व मत प्रतिशत बढ़ाने पर ध्यान ही नहीं दिया। नतीजतन, फूलपुर में केवल 37 फीसदी तो गोरखपुर में 48 फीसदी पोलिंग हुई। वोटरों के घर से न निकलना ही भाजपा के लिए ज्यादा नुकसानदायक साबित हुआ। कैराना-नूरपुर के चुनावों में भाजपा पोलिंग को ही लेकर नहीं, बल्कि भाजपा के मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए सतर्क हो गई है। भाजपा ने हर बूथ कमेटी को अपने बूथ पर  70 फीसदी पोलिंग कराने का लक्ष्य दिया है। ये भी निर्देश हैं कि भाजपा के पक्ष में 50 फीसदी वोट जरूर डलवाए जाएं। 28 मई को मतदाताओं को घर से निकालने की जिम्मेदारी बूथ कमेटियों की होगी। 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने बताया, 'गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव हम अति आत्मविश्वास के कारण हारे लेकिन उन चुनावों की खामियों को हमने कैराना-नूरपुर चुनाव में सुधार लिया है। दोनों ही चुनाव हम बड़े अंतर से जीतेंगे।'   

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बूथ-सेक्टर पर लगे कार्यकर्ताओं की नियमित मॉनिटरिंग
गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में नेताओं से  लेकर कार्यकर्ताओं की कोई जवाबदेही तय नहीं थी। कौन क्या काम कर रहा है, ये पार्टी आलाकमान को मालूम ही नहीं पड़ पाता था लेकिन कैराना-नूरपुर में हर छोटे से लेकर बड़े कार्यकर्ता की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय कर दी गई है। हर एक को यह निर्देश दिए गए हैं कि उसे अपने बूथ या सेक्टर के अलावा किसी दूसरी जगह जाने की जरूरत नहीं है।  पार्टी ने  कैराना व नूरपुर में एक-एक बूथ, सेक्टर और मंडल स्तर पर चेक प्वांइट लगाए हैं। कैराना में करीब 400 बूथ हैं तो नूरपुर में 351 बूथ। नूरपुर में 36 सेक्टर और चार मंडल हैं।  बूथ और सेक्टर में  लगे हरेक कार्यकर्ता के काम की नियमित मॉनिटरिंग हो रही है। 

बंसल कर रहे हैं कैराना-नूरपुर में प्रवास
पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल लगातार कैराना व नूरपुर में प्रवास कर एक-एक बूथ की समीक्षा कर रहे हैं। उनकी अध्यक्षता में दोनों जगह बूथ सम्मेलन हो चुके हैं। 

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