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विकास दुबे केस : विधायक की पैरवी पर बना था जय बाजपेई का शस्त्र लाइसेंस, डीएम ने 30 हजार की NSC की थी माफ

विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई की रिवाल्वर का लाइसेंस विधायक की पैरवी पर बना था। विधायक की सिफारिश पर लेटरपैड पर तत्कालीन डीएम ने उसकी 30 हजार की एनएससी को माफ किया था।  फिलहाल उसके असलहा...

विकास दुबे केस : विधायक की पैरवी पर बना था जय बाजपेई का शस्त्र लाइसेंस, डीएम ने 30 हजार की NSC की थी माफ
कानपुर। वरिष्ठ संवाददाताTue, 26 Jan 2021 08:34 PM
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विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई की रिवाल्वर का लाइसेंस विधायक की पैरवी पर बना था। विधायक की सिफारिश पर लेटरपैड पर तत्कालीन डीएम ने उसकी 30 हजार की एनएससी को माफ किया था।  फिलहाल उसके असलहा लाइसेंस फाइल की जांच भी एसआईटी कर रही है। एसआईटी ने फाइल तलब करके उसकी जांच पड़ताल की है। 

कलेक्ट्रेट में उपलब्ध असलहा फाइल के मुताबिक तत्कालीन बजरिया इंस्पेक्टर एसके वर्मा ने 24 नवंबर 2007 को लगाई गई रिपोर्ट के आधार पर जय बाजपेई का रिवाल्वर लाइसेंस स्वीकृत किया था। सीसामऊ विधायक इरफान सोलंकी की पैरवी पर डीएम आलोक कुमार ने लाइसेंस की स्वीकृति आठ जनवरी 2008 को  दी थी। 29 जनवरी 2008 को लाइसेंस जारी किया गया था। उस वक्त डीएम ने 50 हजार की एनएससी लगाने का आदेश दिया था। तब विधायक ने पैरवी करके लेटरपैड पर एनएससी माफ करने की सिफारिश की थी। डीएम ने 30 हजार की एनएससी माफ करके 20 हजार रुपए की एनएससी पर लाइसेंस जारी कर दिया था। अब एसआईटी ने जय बाजपेई समेत अन्य फाइलों की जांच को शुरू किया है। उस जांच में काफी कमियां और फर्जीवाड़ा किया है।

बिना गवाहों के जारी हो गया लाइसेंस 
असलहा लाइसेंस स्वीकृत कराने के लिए रिपोर्ट लगवाने से पहले दो गवाहों के शपथ-पत्र भी देने पड़ते हैं। विधायक की हनक में जय बाजपेई का लाइसेंस स्वीकृति के समय किसी भी गवाहों का शपथ-पत्र नहीं लिया गया। बिना गवाहों के ही जय बाजपेई का लाइसेंस स्वीकृत कर दिया गया। उसमें एसीएम, सीओ, एसएसपी से लेकर सभी ने पॉजीटिव रिपोर्ट भी लगा दी।  

निरस्त असलहा लेकर छह साल घूमा जय 
जय बाजपेई पर पुलिस खूब मेहरबान रही। कई मुकदमे दर्ज होने पर 30 जून 2014 को जय बाजपेई की रिवाल्वर का लाइसेंस तत्कालीन डीएम डा. रोशन जैकब ने निरस्त कर दिया था। फिर तत्कालीन कमिश्नर मोहम्मद इफ्तेखारुद्दीन ने डीएम के आदेश को निरस्त करके मामले की नए सिरे से जांच कराने का आदेश डीएम को दिया था। जांच ठंडे बस्ते में चली गई। डीएम कोर्ट में तारीख पर तारीख लगती रही। कोर्ट आदेश के बिना बजरिया पुलिस ने कमिश्नर के आदेश पर जय की रिवाल्वर रिलीज कर दी। इसे लेकर वह छह साल से घूम रहा था, जबकि उसका लाइसेंस निरस्त हो चुका था। 

पुराने आदेश पर पूर्व डीएम ने निरस्त किया लाइसेंस 
बिकरू कांड के बाद विकास दुबे से संलिप्तता प्रकाशित होने पर बजरिया पुलिस ने एक बार फिर से जय  का असलहा लाइसेंस निरस्त करने की रिपोर्ट डीएम कोर्ट को भेजी थी। पूर्व डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने पूर्व डीएम डॉ. रोशन जैकब के किए गए निरस्तीकरण का हवाला देकर 11 अगस्त 2020 को जय बाजपेई का असलहा लाइसेंस निरस्त कर दिया।  

फाइल रिकार्ड रूम में
कानपुर के एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि जय बाजपेई का असलहा लाइसेंस निरस्त हो चुका है। लाइसेंस की फाइल शासन और एसआईटी को भेजी गई थी। अब जांच के बाद वापस आ गई है। उसे रिकार्ड रूम में रखवा दिया है। एसआईटी सभी फाइलों की जांच कर रही है। एसआईटी ने उस फाइल को मांगा है। उसे दे दिया गया है। 


 

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