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54 करोड़ में खरीदी गई सीवर गाड़ियों के खरीद टेंडर में गड़बड़ी, सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के नौ नगर निगमों में सीवेज निस्तारण करने वाली गाड़ियों की खरीद के टेंडर में गड़बड़ी के आरोपो की जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में 9 नगर निगमों से रिपोर्ट तलब की गई।

54 करोड़ में खरीदी गई सीवर गाड़ियों के खरीद टेंडर में गड़बड़ी, सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश
Atul Guptaसंवाददाता,लखनऊThu, 22 Dec 2022 10:34 PM

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उत्तर प्रदेश के लखनऊ के नौ नगर निगमों में सीवेज निस्तारण करने वाली गाड़ियों की खरीद के टेंडर में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। इन गाड़ियों की खरीद के लिए तैयार निविदा में अनियमितता की बात सामने आई है। नगर निगमों ने केवल नौ गाड़ियों की खरीद के लिए 54 करोड़ रुपए का टेंडर कराया है। मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आने के बाद इसकी उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गयी है। शासन ने इस संबंध में प्रदेश के सभी नगर निगमों से रिपोर्ट तलब की है। 

प्रदेश के नौ नगर निगमों आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज और झांसी नगर निगम के लिए विशेष प्रकार की सीवेज निस्तारण मशीन युक्त गाड़ियां खरीदी जानी हैं। इनकी खरीद के लिए स्वच्छ भारत मिशन से बीते वर्ष बजट मिला था। वाहन युक्त इस मशीन से सेप्टिक टैंक से सीवर निकालकर ट्रीटमेंट किया जाएगा। बड़े शहरों में टैंक से सीवर निकालने में दिक्कतें आ रही थीं। सफाई कर्मचारी मैनुअल काम करते हैं,  इससे छुटकारे के लिए ये मशीनें खरीदने का फैसला हुआ। 

सभी नौ नगर निगमों को एक-एक गाड़ी खरीदनी थी। इन गाड़ियों को खरीदने के लिए नियम और शर्तें निदेशालय पर ही तय हुई थीं। इनके मुताबिक खरीद टेण्डर हुआ है। एक गाड़ी की कीमत जीएसटी समेत छह करोड़ रुपए से अधिक है। अब इनके टेण्डर में अनियमितता का मामला सामने आया है, जिसके बाद शासन गंभीर हो गया है। दिल्ली की एक कम्पनी के टेण्डर के खेल में शामिल होने की आशंका है। शासन के संयुक्त सचिव कल्याण बनर्जी ने इस सम्बंध में सात दिसम्बर को स्वच्छ भारत मिशन की मिशन निदेशक को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में साफ लिखा है कि खरीद टेण्डर में अनियमितता हुई है। इस प्रकरण से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाना है, लिहाजा इसकी जांच रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध करायी जाए। सभी नगर निगमों से शासन ने रिपोर्ट मांगी है। अभी तक गाड़ियां नहीं आ पायी हैं। 

विदेश से आएंगी गाड़ियां

इन गाड़ियों की खरीद के टेण्डर की शर्तें निदेशालय स्तर पर तय हुई थी। नगर निगम को इन शर्तोँ के अनुसार टेण्डर कराना था। शर्तों के मुताबिक जिन कम्पनियों को टेण्डर मिलना था, उन्हें बाहर से इन्हें लाने के लिए 1.24 करोड़ रुपए एडवांस दिया जाना है। लखनऊ नगर निगम ने भी शासन के निर्देश पर 1.24 करोड़ रुपए के भुगतान की स्वीकृति दी है। मगर इसके बदले कान्ट्रैक्टर से जमानत जमा करायी थी। लखनऊ में अभी तक गाड़ियां नहीं आ पायी हैं। 

पर्यावरण अभियंता नगर निगम संजीव प्रधान ने कहाकि मामले की जांच हो रही है। लखनऊ नगर निगम ने भी टेण्डर कराया है। मगर अभी गाड़ियां नहीं आयी हैं। गाड़ियां काफी महंगी है। नगर निगम स्तर से टेण्डर के नियम और शर्तें नहीं बनाए गये। शासन को पूरी रिपोर्ट भेजी जा रही है।
 

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