ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेशखास बातें: झांसी में भारत-रूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास 'इंद्र' का आगाज

खास बातें: झांसी में भारत-रूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास 'इंद्र' का आगाज

भारतीय और रूस सेना के 10वें संयुक्त सैन्य अभ्यास का सोमवार को बबीना सैन्य स्टेशन में मार्चपास्ट व ध्वजारोहण के साथ शुभारंभ हुआ। इस अभ्यास से दोस्ती और गहरी होने तथा सेना के बीच रणनीतिक कौशल बढ़ने की...

खास बातें: झांसी में भारत-रूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास 'इंद्र' का आगाज
निज संवाददाता,झांसीMon, 19 Nov 2018 09:57 PM
ऐप पर पढ़ें

भारतीय और रूस सेना के 10वें संयुक्त सैन्य अभ्यास का सोमवार को बबीना सैन्य स्टेशन में मार्चपास्ट व ध्वजारोहण के साथ शुभारंभ हुआ। इस अभ्यास से दोस्ती और गहरी होने तथा सेना के बीच रणनीतिक कौशल बढ़ने की उम्मीद जताई गई। दावा किया गया कि इससे अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और प्रभावशाली तरीके से लड़ने में मदद मिलेगी।

'इंद्र-2018' का आगाज भारतीय सेना के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) 31 आर्मर्ड डिवीजन मेजर जनरल पीएस मिन्हास और रशियन फेडरेशन के इस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल सेकोव अलेग मुसोविच ने ध्वजारोहण और संयुक्त मार्च से हुआ। संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन और वैश्विक आतंकवाद से निपटने के उद्देश्य के लिए आयोजित इस अभ्यास के पहले दिन समारोह को संबोधित करते हुए दोनों देशों के सैन्य अफसरों ने एक स्वर में भारत-रूस दोस्ती को ऐतिहासिक और सबसे पुरानी बताते हुए कहा कि इससे हमारे रिश्ते और गहरे होंगे। 

शुभारंभ के दौरान दोनों देशों के बैंडो ने भरा जोश
आगाज के दौरान भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर से भारत और रूस का ध्वज लहराया गया। परेड के बीच भारतीय बैंड पर 'कदम से कदम मिलाए जा, खुशी के गीत गाए जा' तथा 'यहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा, यह भारत देश है मेरा' की धुन बजाकर सेना का उत्साह व जोश बढ़ाया, तो रशियन आर्मी बैंड ने अपने देशभक्ति गीतों की धुन बजायी। समारोह के समापन पर दोनों सेना के अधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई। इस दौरान अभ्यास से जुड़ी गतिविधियां साझा की गईं। 

किसी को संदेश नहीं आतंकवाद से लड़ना है उद्देश्य 
भारतीय सेना के मेजर जनरल मिन्हास ने कहा कि यह दो सेनाओं के बीच साझा सैन्य अभ्यास है। यह अभ्यास किसी देश संदेश देने के लिए नहीं है। यह वैश्विक आतंकवाद से मिलकर मुकाबला करने का परस्पर प्रशिक्षण है। दोनों देशों के बीच सेना का तालमेल अच्छा है और दोनों मिलकर युद्ध लड़ने में माहिर हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना, नौसेना व नेवी समय-समय पर विभिन्न देशों के साथ युद्ध अभ्यास करते रहे हैं और सभी का उद्देश्य होता है आतंकवाद का खात्मा। 

अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद 21वीं सदी की सबसे बड़ी समस्या 
रशियन फेडरेशन के इस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल मुसोविच ने कहा कि आपस में या फिर संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में होने वाले ऑपरेशन को इस प्रकार के सैन्य अभ्यास से मदद मिलती है। उन्होंने रूस सरकार व सेना की तरफ से भारतीय सेना व सरकार का आभार जताते हुए उम्मीद जताई कि सैन्य अभ्यास भविष्य में ऐसे ही चलते रहेंगे। उन्होंने कहा, आज अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद 21वीं सदी की सबसे बड़ी समस्या है। ऐसे अभ्यासों से आतंकवाद को काबू करने में मदद मिलेगी। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें