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कानपुर: विक्रम कोठारी पर आयकर विभाग का शिकंजा, पांच कारें जब्त

रोटोमैक समूह के चेयरमैन विक्रम कोठारी की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। दस महीने बाद जेल से बाहर आए कोठारी पर आयकर विभाग ने शिकंजा कस दिया। विभाग ने 94 करोड़ रुपए के आयकर बकाए को लेकर उनकी पांच कारें...

कानपुर: विक्रम कोठारी पर आयकर विभाग का शिकंजा, पांच कारें जब्त
प्रमुख संवाददाता,कानपुर।Wed, 16 Jan 2019 11:17 PM
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रोटोमैक समूह के चेयरमैन विक्रम कोठारी की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। दस महीने बाद जेल से बाहर आए कोठारी पर आयकर विभाग ने शिकंजा कस दिया। विभाग ने 94 करोड़ रुपए के आयकर बकाए को लेकर उनकी पांच कारें अटैच कर ली हैं। पूरी कार्यवाही भारी फोर्स के साये में विक्रम कोठारी और उनकी पत्नी साधना कोठारी के हस्ताक्षर के बाद पूरी की गई।

करीब 3600 करोड़ रुपए के बैंक बकायेदार विक्रम कोठारी की संपत्तियों पर बैंक आफ बड़ौदा सहित अन्य बैंकों ने आधिपत्य कर लिया है। इसमें उनकी तिलकनगर स्थित आलीशान कोठी 'संतुष्टि' भी है। उनकी दो कंपनियां नीलामी की प्रक्रिया में हैं। तमाम कानूनी मुसीबतों का सामना कर रहे विक्रम कोठारी पिछले हफ्ते ही सीमित जमानत पर बाहर आए थे। उन्हें हाईकोर्ट ने सर्जरी कराने के लिए आठ हफ्ते की जमानत दी है।

अपने घर पर आराम कर रहे विक्रम कोठारी के लिए बुधवार का दिन नई आफत लेकर आया, जब आयकर विभाग के टैक्स रिकवरी आफिसर विवेक सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर राजेन्द्र कुमार, अशोक भारती और लता सहाय की टीम उनके बंगले पहुंची। टीम ने पहुंचने के साथ ही पुलिस फोर्स को भी बुला लिया। दरअसल तीन साल पहले कोठारी पर आयकर छापे के दौरान 94 करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड निकाली गई थी, जिसे उन्होंने जमा नहीं किया था। टैक्स की देनदारी संयुक्त रूप से विक्रम कोठारी, उनकी कंपनी रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड और रोटोमैक एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड पर है।

94 करोड़ की वसूली के लिए टीम उनके घर गई और नोटिस थमाई। विक्रम कोठारी ने इतनी बड़ा राशि तत्काल दे पाने में असमर्थता जताई। इस पर टीम ने बंगले में मौजूद उनकी पांच कारों को अटैच कर लिया। इनमें लग्जरी कार पोर्श कॉरेया, स्कॉडा सुपर्ब, टोयोटा इनोवा, हुंडई आई-20 और टाटा नैनो है। इन गाड़ियों को विभाग में लाना संभव नहीं था, इसलिए सभी कारों को अटैच कर कोठारी के सुपुर्द कर दिया गया। आयकर विभाग उनके आलीशान बंगले को अटैच नहीं कर सकता क्योंकि बंगला एचयूएफ प्रापर्टी है और आयकर विभाग में कोठारी के ऊपर एचयूएफ टैक्स की कोई देनदारी नहीं है।

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