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भीषण महामारी के बीच भी रामलला के मंदिर के लिए हो रही धन की वर्षा, टाटा संस ने भेजा पांच करोड़

कोरोना संक्रमण के प्रभाव से देश के लगभग हर हिस्से में अफरातफरी मची है। उद्योग-धंधे से लेकर हर तरफ अनिश्चितता का वातावरण है। मंदिरों में भगवान के पट भी बंद हो चुके हैं। बावजूद इसके रामजन्मभूमि में...

भीषण महामारी के बीच भी रामलला के मंदिर के लिए हो रही धन की वर्षा, टाटा संस ने भेजा पांच करोड़
Yogesh Yadavअयोध्या हिन्दुस्तान टीमTue, 27 Apr 2021 05:44 PM
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कोरोना संक्रमण के प्रभाव से देश के लगभग हर हिस्से में अफरातफरी मची है। उद्योग-धंधे से लेकर हर तरफ अनिश्चितता का वातावरण है। मंदिरों में भगवान के पट भी बंद हो चुके हैं। बावजूद इसके रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का कार्य यथावत चल रहा है। पहले रामलला के राजकीय कोष की बात करें तो इस कोष में आवक कम जरूर हुई है लेकिन बंद नहीं हुई है। वह भी तब जबकि दर्शनार्थियों का प्रवेश अन्य मंदिरों की तरह ही प्रतिबंधित कर दिया गया है। फिर भी कहीं न कहीं से श्रद्धालु आते हैं और रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय में पांच सौ-हजार जमा कर जाते हैं।  

इसकी पुष्टि रामजन्मभूमि के दर्शन मार्ग पर स्थित रामजन्मभूमि ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्त करते हुए बताते हैं कि औसतन पांच हजार रुपए प्रतिदिन नकद का दान दिन भर में आ जाता है। वह बताते हैं कि इसके अतिरिक्त डाक भी प्रतिदिन आती है। इस डाक में दर्जनों चेक आते रहते हैं। इन चेकों की धनराशि का विवरण दे पाने में उन्होंने अपनी असमर्थता जताई।

उन्होंने  बताया कि आरटीजीएस से भी श्रद्धालु धनराशि भेज रहे हैं। यह आरटीजीएस सीधे बैंक को जाता है, इसलिए उसका भी विवरण उनके पास नहीं है। कार्यालय प्रभारी गुप्त ने बताया कि आरटीजीएस के माध्यम से ही टाटा संस प्रा. लि. मुम्बई ने भी पांच करोड़ की धनराशि राम मंदिर के लिए समर्पित की है।

इस बार पूरब दिशा से शुरू हुई इंजीनियर फिल्ड मटेरियल की ढलाई
राम मंदिर निर्माण से पहले ग्राउंड इम्प्रूवमेंट के लिए खोदी गयी नींव को इंजीनियर फिल्ड मटेरियल से भरने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। गर्भगृह स्थल को छोड़कर उसके सामने सुपर स्ट्रक्चर के शेष हिस्से हिस्से जिसकी चौड़ाई करीब ढाई सौ फिट है, को तीन हिस्सों दायां-बायां व मध्य में बांटकर एक-एक लेयर ढाला जा रहा है।  दाएं व बाएं हिस्से की चौड़ाई सौ-सौ फिट व मध्य की चौड़ाई 50 फिट है। जबकि लंबाई करीब 450 फिट है। दस अप्रैल से शुरू पहली लेयर में दाएं व बाएं हिस्से में ढलाई की गयी थी व मध्य के हिस्से को तकनीकी वजहों से छोड़ दिया गया था।

मध्य भाग में भी पहली लेयर बिछाने का काम शुरू
हनुमान जयंती के अवसर पर चैत्र पूर्णिमा के दिन मंगलवार को दूसरी लेयर की ढलाई गर्भगृह से दाएं शुरू की गयी है। इस बार यह ढलाई पश्चिम के बजाए पूरब दिशा से शुरू की गयी है। इसके साथ मध्य भाग में भी पहली लेयर बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। बताया गया कि लेयर बिछाने के बाद जितने हिस्से को वायब्रोरोलर से बैठाकर सेट किया जा चुका है, उन हिस्सों पर बोरे बिछाकर तरी करने का भी काम भी साथ-साथ हो रहा है।

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