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लॉकडाउन में हरिद्वार से पैदल ही कुशीनगर जा रहा था युवक, पैरों में आई सूजन, तो उतार दी चप्पल, फिर नंगे पाव ही चल पड़ा

हरिद्वार में शटरिंग का काम करने वाले बनवारी लाल अब अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ वापस कुशीनगर लौट रहे हैं। फैजाबाद रोड स्थित कमता के निकट सड़क किनारे बैठे तो अपने पैरों की ओर देखने लगे।...

लॉकडाउन में हरिद्वार से पैदल ही कुशीनगर जा रहा था युवक, पैरों में आई सूजन, तो उतार दी चप्पल, फिर नंगे पाव ही चल पड़ा
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSun, 17 May 2020 08:38 AM
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हरिद्वार में शटरिंग का काम करने वाले बनवारी लाल अब अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ वापस कुशीनगर लौट रहे हैं। फैजाबाद रोड स्थित कमता के निकट सड़क किनारे बैठे तो अपने पैरों की ओर देखने लगे। चलते-चलते पैरों में सूजन आ गई तो चप्पल हाथ में पकड़कर नंगे पाव ही चल पड़े। इन्हीं से कुछ पीछे मनोज कुशवाहा भी अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ दिल्ली से गोरखपुर जाने के लिए निकले हैं। ऐसे एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों लोग हैं, जो रास्ते की परेशानियों की परवाह किये बगैर किसी भी तरह इस मुश्किल वक्त में अपने घर पहुंच जाना चाहते हैं। 

दरअसल लॉकडाउन के बाद दिल्ली, हरियाणा व उत्तराखंड से बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूरों का पलायन लगातार जारी है। रिंग रोड के रास्ते आ रहे बलवारी लाल कमता पहुंचने पर कुछ देर सड़क किनारे बैठकर अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ थोड़ा आराम किया। जब उनसे बात की गई तो बताया कि हरिद्वार में वे शटरिंग का काम करते थे। उनके साथ उनके परिवार के अन्य लोग भी वहां मजदूरी करते थे लेकिन अब लॉकडाउन होने के बाद वहां गुजारा करने के लिए न तो जेब में पैसे है और न ही पेट भरने के लिए राशन।

ऐसे में उन्होंने परिवार संग अपने गांव जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं। उन्होंने बताया कि रास्ते में  कुछ लोग खाने के लिए फल और खाना बांट रहे हैं और उन्हीं के सहारे हम लोग अपना पेट भर रहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब 850 किलोमीटर का सफर तय करना है और हमें यह दूरी तय करने में कम से कम तीन-चार दिन लग जाएंगे। 

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