कानपुर में भर्ती तीसरी किशोरी ही घटना पर रोशनी डालेगी। लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटने के बाद वह खतरे से बाहर बताई जा रही है। डॉक्टरों की मानें तो उसकी हालत में सुधार आ रहा है। बात करने लायक होगी तो मजिस्ट्रेट उसका बयान दर्ज करेंगे। इस घटना में रोशनी का बयान इसलिए अहम माना जा रहा है कि विरोधी दल पुलिस के खुलासे पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। पुलिस का दावा है कि जो खुलासा किया गया है वह सटीक है। विरोधी दल सिर्फ राजनीति कर रहे हैं।
बबुरहा गांव में बुधवार को हुई सनसनीखेज वारदात के बाद राजनीतिक दल पुलिस प्रशासन को घेरने से नहीं चूक रहे हैं। उन्हें इस बात का इंतजार है कि अस्पताल में भर्ती पीड़िता का बयान आए। अगर पीड़िता ने पुलिस की कहानी से अलग बयान दिया तो घटना दूसरा मोड ले लेगी और राजनीतिक दलों को एक बार फिर से सरकार को घेरने का मौका मिल जाएगा। पीड़िता ने पुलिस की कहानी पर मुहर लगा दी तो सियासी वार धराशाही हो जाएगा। ऐसे में सबकी निगाहें रोशनी के बयान पर टिकी है। सिटी मजिस्ट्रेट चंदन पटेल और सीओ सिटी गौरव त्रिपाठी की मौके पर ड्यूटी लगाई गई है। कानपुर के भी कई अफसर तैनात हैं। घटना के खुलासे के बाद भी सपा के लोगों ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।
पूर्व सांसद सुभाषिनी अली पीड़िता के गांव पहुंचीं तो उन्होंने पुलिस के खुलासे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से जो कहानी बनाई गई है वह सही नहीं है। वहीं आरोपित के घरवाले भी मामले गलत फंसाने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि एसपी आनंद कुलकर्णी का कहना है कि जो खुलासा हुआ है वह सही है। पुलिस के पास उसके साक्ष्य भी हैं। घटना स्थल से कुछ दूर बोतल भी बरामद कर ली गई है। पुलिस ने दो दिन के अंदर खुलासा कर दिया तो गलत बयानबाजी की जा रही है। डीएम रवींद्र कुमार का कहना है कि पीड़िता का बेहतर इलाज हो, इसके लिए प्रशासन हर तरह से तैयार है।
पैंतरा बदलकर पुलिस प्रशासन को घेर रहे राजनीतिक दल
- घटना के एक दिन बाद गुरुवार को राजनीतिक दलों ने 50 लाख रुपए और नौकरी की मांग की थी। गला कसकर हत्या का आरोप लगा रहे थे।
- गुरुवार को बेटियों का पोस्टमार्टम हुआ और रिपोर्ट में जहरीला पदार्थ से मौत की पुष्टि हुई तो राजनीतिक दलों के सुर बदल गए।
- राजनीतिक दलों ने तुरंत पैंतरा बदला पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के साथ ही मामले में सीबीआई जांच करने की मांग करने लगे।
- शुक्रवार को पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले ने समुदाय विशेष पर गंभीर टिप्पणी की तो पूर्व सांसद उदितराज ने सोशल मीडिया पर बलात्कार लिख दिया।
- शुक्रवार की शाम को आईजी लक्ष्मी सिंह ने मामले का खुलासा किया शनिवार को राजनीतिक दलों ने पुलिस के खुलासे को गलत ठहराया
- सियासी दल अब यही मांग कर रहे हैं कि मामले में सीबीआई जांच की जाए। उनका कहना है कि पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं।