UP : सुनामी आने से पहले अलर्ट करेगा आईआईटी कानपुर
सुनामी आने से पहले आईआईटी अलर्ट करेगा। संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक शोध किया है, जिसमें सुनामी को लेकर विस्तृत डाटा रिपोर्ट तैयार की है। इसके आधार पर वैज्ञानिक सुनामी को लेकर पहले ही देश को...
सुनामी आने से पहले आईआईटी अलर्ट करेगा। संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक शोध किया है, जिसमें सुनामी को लेकर विस्तृत डाटा रिपोर्ट तैयार की है। इसके आधार पर वैज्ञानिक सुनामी को लेकर पहले ही देश को अलर्ट कर सकते हैं। रिपोर्ट के आधार पर सुनामी को लेकर और विस्तृत शोध किए जा सकेंगे। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. जावेद मलिक इससे पहले भूकंप को लेकर भी शोध कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं। वे भारत सरकार के अर्थ साइंस मंत्रालय के साथ काम कर रहे हैं।
आईआईटी के वैज्ञानिक प्रो. जावेद मलिक और उनकी टीम ने पिछले 8000 सालों के सुनामी रिकॉर्ड, मेगा और बड़े भूकंप के पुनरावृत्ति को देखते हुए शोध किया है। 26 दिसंबर 2004 को सुमात्रा-अंडमान में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया और एक विशाल सुनामी आई। इसने 2.5 लाख लोगों की जान ले ली। उन्होंने 1679, 1762, 1881 और 1941 की घटनाओं का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट तैयार की है। प्रो जावेद और टीम ने वर्ष 2005 से अंडमान द्वीप समूह में प्राचीन सुनामी के लिए खोज करना शुरू किया।
इसमें अंडमान द्वीप के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित बडबालु समुद्र तट से उनके हालिया शोध निष्कर्षों ने पिछले 8000 सालों में कम से कम सात सुनामी के सबूतों का पता लगाया, जिन्होंने हिंद महासागर से सटे समुद्र तटों को प्रभावित किया है। शोधकर्ताओं को इस तरह के सबूत मिले, जिनसे कि पता चलता है कि इन सूनामी को सुमात्रा-अंडमान क्षेत्र में होने वाले बड़े भूकंपों द्वारा ट्रिगर किया गया था। स्थानिक संरचनाओं के आधार पर, अनाज के आकार, विभिन्न तलछट इकाइयों के बीच संपर्क, तलछट कोर और उथले गड्ढों में देखे गए सूक्ष्म जीवाश्म सामग्री, 19 तलछट इकाइयों की पहचान की गई थी।