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वाराणसी आए और इन पांच जगहों के दर्शन नहीं किए तो समझो आपने काशी देखा ही नहीं

बनारस को बना हुआ रस कहते हैं यानी वो जगह जहां आपको बने हुए रस जैसा स्वाद आएगा। महादेव की नगरी कही जाने वाली काशी भारत की आध्यात्मिक राजधानी है। अगर आप वाराणसी आएं तो इन जगहों पर जाना ना भूलें।

लाइव हिंदुस्तान वाराणसीSat, 12 Nov 2022 04:29 AM
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विश्व का सबसे पुराना जीवित शहर वाराणसी  जिसे काशी (जीवन का शहर) और बनारस के नाम से भी जाना जाता है, भारत की आध्यात्मिक राजधानी है। काशी हिंदू धर्म के सात पवित्र शहरों में से एक है। वाराणसी का पुराना शहर गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है। वाराणसी यानी काशी को भगवान शिव के शहर के रूप में जाना जाता है

वाराणसी को मृत्यु के लिए एक शुभ स्थान माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह शहर जीवन और मृत्यु के चक्र से मोक्ष या मुक्ति प्रदान करता है। बौद्धों के लिए भी यह बनारस एक महत्वपूर्ण स्थान है। गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश बनारस में दिया था जो अब सारनाथ में है। इसके अलावा ये शहर खाने के लिए भी जाना जाता है। यहां आएं तो गरमा गरम चाट और ठंडी लस्सी पीने से न चूकें। कहते हैं जिंदगी में एक बार बनारस जरूर आना चाहिए तो अगर आप बनारस आ रहे हैं या आने का प्लान कर रहे हैं तो हम आपको बताएंगे कि आपको कौन-कौन सी जगह जरूर देखनी चाहिए।

काशी विश्वनाथ मंदिर

वाराणसी में पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य देवता भगवान शिव हैं, जिन्हें विश्वनाथ या विश्वेश्वर के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है 'ब्रह्मांड का शासक'। भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी शहर को इस प्रकार भगवान शिव की नगरी के रूप में जाना जाता है। मंदिर की मीनार पर 800 किलो सोना चढ़ा है। मंदिर परिसर के भीतर एक कुआँ भी मौजूद है जिसे ज्ञानवापी या ज्ञान कुआँ कहा जाता है जहाँ केवल हिंदुओं को ही प्रवेश करने की अनुमति है।
 
दशाश्वमेध घाट
ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान ब्रह्मा ने दशा अश्वमेध यज्ञ किया था। यह घाट एक धार्मिक स्थल है और यहां कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं।
यहां कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली में एक खगोलीय प्रकटन देखने के लिए जाएँ। यह घाट हर शाम आयोजित होने वाली गंगा आरती के लिए सबसे प्रसिद्ध है।  हर दिन सैकड़ों लोग इसे देखने आते हैं। गंगा आरती देखना एक ऐसा अनुभव है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। 

संकट मोचन हनुमान मंदिर

संकट मोचन हनुमान मंदिर अस्सी नदी के किनारे स्थित है जिसे 1900 के दशक में स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा बनाया गया था। यह भगवान राम और हनुमान को समर्पित है। वाराणसी हमेशा संकट मोचन मंदिर से जुड़ा रहा है और इस पवित्र शहर का एक अनिवार्य हिस्सा है। वाराणसी आने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस मंदिर में जाता है और भगवान हनुमान से आशीर्वाद लेता है। इस मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डू स्थानीय लोगों के बीच प्रसिद्ध हैं। 


अस्सी घाट

अस्सी घाट अस्सी और गंगा नदियों के संगम पर एक पीपल के पेड़ के नीचे स्थापित बड़े शिव लिंग के लिए प्रसिद्ध है। इसका अत्यधिक धार्मिक महत्व है और पुराणों में भी इसका उल्लेख किया गया है।

अस्सी घाट वाराणसी के लोगों का दिल है। पर्यटक गंगा में सूर्यास्त और सूर्योदय के अद्भुत दृश्य का आनंद लेने के लिए यहां आते हैं। यह वह जगह है जहां लंबी अवधि के लिए वाराणसी में यात्रा करने और रहने वाले पर्यटक और विदेशी रहते हैं। स्थानीय युवा शाम को समय बिताने के लिए अस्सी घाट पर आते हैं। हाल ही में घाट पर सुबह आरती शुरू हुई है। अगर आप वाराणसी के वास्तविक अनुभव का अनुभव करना चाहते हैं तो  यहां जरूर आएं। इसके अलावा, पर्यटक आम तौर पर शाम को नाव से अस्सी से दशाश्वमेध घाट की यात्रा करते है। यहां हर शाम आयोजित की जाने वाली प्रसिद्ध आरती को देखने के लिए भी काफी संख्या में लोग आते हैं। 

विश्वनाथ गली

विश्वनाथ गली वाराणसी में स्ट्रीट शॉपिंग के लिए मशहूर है। चहल-पहल वाली इस गली में सस्ता-सस्ता सामान मिलता है। कोई भी आधुनिक या पारंपरिक परिधान, घरेलू सामान, घर की सजावट के सामान, देवताओं की पीतल की मूर्तियों आदि को आसानी आदि यहां कम कीमत पर मिलता है। यह गली स्नैक्स और मिठाइयों के लिए भी प्रसिद्ध है।

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