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बर्थ-डे विश नहीं किया तो पत्नी ने साथ रहने से किया इनकार, जानें फिर क्या हुआ

पति ने बर्थ-डे विश नहीं किया तो पत्नी इतनी नाराज हो गयी कि उसने उसके साथ रहने से इंकार कर दिया। पति मिन्नतें करता रहा, लेकिन पत्नी साथ जाने को तैयार नहीं हुई। काउंसलर्स ने भी समझाने का प्रयास किया।...

बर्थ-डे विश नहीं किया तो पत्नी ने साथ रहने से किया इनकार, जानें फिर क्या हुआ
वरिष्ठ संवाददाता,आगरा Mon, 02 Aug 2021 10:39 AM
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पति ने बर्थ-डे विश नहीं किया तो पत्नी इतनी नाराज हो गयी कि उसने उसके साथ रहने से इंकार कर दिया। पति मिन्नतें करता रहा, लेकिन पत्नी साथ जाने को तैयार नहीं हुई। काउंसलर्स ने भी समझाने का प्रयास किया। लेकिन पत्नी नहीं मानीं। अब दोनों को दूसरी तारीख देकर बुलाया गया है। 

परिवार परामर्श केंद्र में उच्च शिक्षित लोगों के ऐसे कई मामले पहुंचे हैं। जिन्हें सुनकर काउंसलर्स भी हैरान हैं। दयालबाग निवासी महिला की शादी तीन साल पहले आगरा में ही हुई थी। महिला जानी-मानी यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही है। वहीं पति जाने-माने कॉलेज में एकाउंटेंट हैं। पति का कसूर इतना है कि वह अपने माता-पिता से हर काम पूछकर करता है। साथ ही पत्नी के जन्मदिन पर उसे विश नहीं कर पाया। इसका नतीजा यह हुआ कि वह बेपरवाह पति हो गया। पत्नी ने साढ़े तीन साल की सभी शिकायतों को इकट्ठा कर परिवार परामर्श केंद्र में शिकायत कर दी। 

वहीं एक और मामले में पत्नी ने बच्चे की ऑनलाइन फीस जमा न करने की बात को लेकर पति की शिकायत कर दी। पत्नी ने आरोप लगाया कि स्कूल से लगातार फोन आने पर भी पति ने फीस जमा नहीं की। इससे मेरी टीचर्स के सामने बेइज्जती हुई। इसलिए मैं मायक आ गयी। हालांकि दंपत्ति का समझौता हो गया। पति हर बात मानने को तैयार हुआ। एक महिला दूसरी शादी के बाद भी पति से खुश नहीं है। अपने बेटे की खातिर वह तलाक पर अड़ी रही। मामले को कोर्ट में भेजा है। परिवार परामर्श केंद्र में आज उच्च शिक्षित पति-पत्नी के 15 से अधिक मामले आए। जिनमें से सिर्फ एक मामले में ही सुलह हो पाई। काउंसलर डॉ. एके सिंह ने बताया कि दोनों में ईगो की परेशानी बढ़ गई है। जिसके चलते उच्च शिक्षित लोगों के भी मामलों की भरमार होती जा रही है। 

अव्यवस्थाओं के साथ शुरू हुआ परिवार परामर्श केंद्र 

परिवार परामर्श केंद्र आज अव्यवस्थाओं के नाम रहा। वामा सारथी के तहत हेल्थ शिविर लगने के कारण काउंसिलिंग एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ऑफिस में लगाया गया। लेकिन इसकी जानकारी पीड़ितों को नहीं दी गई। कोई धूप में बच्चों को लेकर तो कोई बूढ़े पिता को लेकर केंद्र पर पहुंची। वहां न पंखे की व्यवस्था न पानी की। भीड़ इतनी कि कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। वहीं पुलिसकर्मियों से भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। 

10 जोड़ों की काउंसलिंग, दो में समझौता

परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी कमर सुल्ताना ने बताया कि रविवार को 40 जोड़े बुलाए गए थे। इनमें से 10 जोड़े उपस्थित हुए। दो मामलों में पत्नियों ने पति के खिलाफ दहेज की मांग, शराब पीकर मारपीट आदि का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। इनमें काउसंलिंग कर सुलह कराई गई। 8 जोड़ों में कोई फैसला न होने पर अगली तारीख दी गई है। 10 मामलों में आए एक पक्ष ने अन्य कारणों से फाइल निस्तारित करा ली। 15 मामलों में आए एक पक्ष को सुनवाई के लिए अगली तारीख दी गई है।

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