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कतर की जेल में कैसे कटे 17 महीने, मौत की सजा पाने के बाद रिहा हुए पूर्व नेवी अफसर ने सुनाई दास्‍तां 

कतर में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद सरकार के प्रयासों से रिहा हुए नौसेना के सेवानिवृत्त कमांडर संजीव गुप्ता मंगलवार को अपने घर दयालबाग स्थित सरलाबाग पहुंचे। कॉलोनीवासियों ने उनका भव्‍य स्‍वागत किया।

Ajay Singh वरिष्ठ संवाददाता, आगरा
Wed, 21 Feb 2024, 01:01:PM
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Former Navy officer returned from Qatar: कतर में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद सरकार के प्रयासों से रिहा हुए नौसेना के सेवानिवृत्त कमांडर संजीव गुप्ता मंगलवार को अपने घर दयालबाग स्थित सरलाबाग पहुंचे। आगरा पहुंचकर उन्होंने कहा कि उनका भारत पहुंचना प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि छह माह बाद ही प्रधानमंत्री और भारत पर भरोसा हो गया था कि वह सभी को रिहा करवा लेंगे। घर पहुंचने पर कालोनीवासियों और परिवार के सदस्यों ने भव्य स्वागत किया।

कतर से लौटने के बाद मंगलवार को कमांडर संजीव गुप्ता जब घर पहुंचे तो घरवालों ने टीका लगाकर व फूलमाला पहनाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने बताया कि नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद 2 जनवरी 2018 को कतर गए थे। वहां अल दहरा कंपनी में डायरेक्टर थे। कंपनी का कतर की सेना से अनुबंध हुआ था। उसी के तहत वहां के नौसैनिक अफसरों को प्रशिक्षण दे रहे थे। पता नहीं किसने कतर की सेना को भ्रमित कर गलत जानकारी दे दी। अचानक हम आठ लोगों को जासूसी के आरोप में पकड़ लिया गया। 30 दिनों तक पूछताछ की गई और फिर सजा सुना दी गई। 17 माह बंद कमरे में कैद रहने के दौरान सिर्फ टीवी का सहारा था। उस पर भी अरबी भाषा के चैनल ही आते थे। सिर्फ एक भारतीय चैनल टीवी पर आता था और उससे ही सजा की जानकारी मिली।

मन तनाव में आ गया पर उस समय मन में सकारात्मक सोच, भगवान में आस्था और देश पर भरोसा कर इतना समय काट पाए। हिरासत में लिए जाने के बाद सजा सुनाए जाने तक अन्य किसी के भी मुकदमे में शामिल होने का पता नहीं था। 30 दिन में सजा सुना दी गई। रिहा होने के बाद एयरपोर्ट जाने से पहले कतर के इंडिया हाउस में हम सबकी मुलाकात हुई। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यकीन था। भरोसा था कि हमारा देश सुरक्षित निकाल लेगा।

गिरफ्तारी से दो माह पहले पत्नी भारत लौटी थीं

कमांडर संजीव गुप्ता ने बताया कि कतर बहुत अच्छा देश है। वहां 8.5 लाख भारतीय नौकरी कर रहे हैं। वह पत्नी रेखा गुप्ता और छोटी बेटी के साथ वहां रह रहे थे। बेटी ने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की। इसके बाद वह भारत आ गई। जून 2022 में बेटी की पढ़ाई के कारण पत्नी रेखा नौकरी छोड़ कर भारत चली गईं। अगस्त 2022 में उन्हें पकड़ लिया। साथियों में एक के माता-पिता भी कतर में ही उनके साथ रहते थे। उन्हें वापस आने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

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