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आगरा में ताजमहल के पास हाई सिक्योरिटी जोन में कैसे चलता था वेश्यावृत्ति का धंधा? पकड़ी गईं विदेशी कॉलगर्ल तो खुला राज

देह व्यापार में होटल शुभ रिसोर्ट से गिरफ्तार भीमा और उज्बेकिस्तान की दोनों युवतियों सहित चार लोगों को पुलिस ने शुक्रवार को जेल भेज दिया। आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत...

आगरा में ताजमहल के पास हाई सिक्योरिटी जोन में कैसे चलता था वेश्यावृत्ति का धंधा? पकड़ी गईं विदेशी कॉलगर्ल तो खुला राज
हिन्दुस्तान टीम,आगराSat, 13 Feb 2021 12:23 PM
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देह व्यापार में होटल शुभ रिसोर्ट से गिरफ्तार भीमा और उज्बेकिस्तान की दोनों युवतियों सहित चार लोगों को पुलिस ने शुक्रवार को जेल भेज दिया। आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमे में होटल मालिक व्यापारी नेता राकेश अग्रवाल, संचालक चिराग अग्रवाल और मैनेजर सुंदरम अग्रवाल भी नामजद हैं। तीनों फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

ताजमहल के पूर्वी गेट के निकट हाई सिक्योरिटी जोन में स्थित होटल शुभ रिसोर्ट में गुरुवार को छापा मारा गया था। मौके से देसी-विदेशी युवतियों के सप्लायर भीमा उर्फ सुरेंद्र सिंह सहित आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया था। छानबीन के बाद पुलिस ने उज्बेकिस्तान की दो युवतियां, भीमा और उसके दोस्त योगेश यादव को लिखापढ़ी में अभियुक्त बनाया। 

एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि उद्धार अधिकारी मिन्दर सिंह को जानकारी मिली थी कि होटल शुभ रिसोर्ट में देह व्यापार का अड्डा चल रहा है। चर्चित भीमा ठेके पर देसी-विदेशी युवतियों को दिल्ली से लेकर आता है। उन्हें इसी होटल में रुकवाता है। व्हाट्स एप पर ग्राहकों को उनकी फोटो भेजता है। ग्राहक जिस युवती को पसंद करता है उसके दाम बताए जाते हैं। अय्याशी के लिए ग्राहक को होटल शुभ रिसोर्ट में बुलाया जाता है। उद्धार अधिकारी ने भीमा से फोन पर संपर्क किया। उससे विदेशी युवती की डिमांड की। उससे युवतियों की फोटो मांगी। व्हाट्स एप पर भीमा ने दो युवतियों की फोटो भेजी। उद्धार अधिकारी ने एक को पसंद किया। भीमा ने उसके साथ एक घंटा गुजारने के चार हजार रुपये मांगे।

उद्धार अधिकारी मिन्दर सिंह ग्राहक बनकर होटल में पहुंचे। सीओ सदर राजीव कुमार के नेतृत्व में एक टीम पहले से छापेमारी के लिए तैयार की गई थी। मिन्दर सिंह ने होटल पहुंचकर भीमा को चार हजार रुपये दिए। उसने युवती से मिलवा दिया। इसी दौरान टीम ने छापा मारा। पुलिस को देखते ही होटल में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग दीवार कूदकर भाग गए। पुलिस ने आरोपियों के साथ कुछ अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया था। उनका इस गलीच धंधे से कोई लेना-देना नहीं था। इसलिए उन्हें मुचलके पर रिहा कर दिया गया। 

इनको भेजा गया जेल

गांव धांधूपुरा, ताजगंज निवासी भीमा उर्फ सुरेंद्र राजपूत
गांव कुंआ खेड़ा निवासी योगेश यादव
उज्बेकिस्तान की दो युवतियां।

मुकदमे में ये हैं फरार
होटल मालिक एवं व्यापारी नेता राकेश अग्रवाल, संचालक चिराग अग्रवाल और मैनेजर सुंदरम अग्रवाल।

युवती के पास मिला फर्जी आधार कार्ड
दोनों विदेशी युवतियां अवैध रूप से भारत में रह रही थीं। एक युवती के पास पासपोर्ट और वीजा नहीं मिला। वह पिछले छह साल से भारत में है। उसके पास एक आधार कार्ड मिला। जिस पर शीशमहल, लोनी रोड नई दिल्ली का पता लिखा है। आरोपित युवती ने बताया कि आधार कार्ड फर्जी है। उसने भारत में रुकने के लिए बनवाया था। दूसरी युवती के पास पासपोर्ट और वीजा दोनों मिले। उस युवती का वीजा दो फरवरी 2021 को खत्म हो गया है। वह भी बिना वीजा के भारत में रह रही थी। एसपी सिटी ने बताया कि दोनों युवतियों की गिरफ्तारी और जेल भेजने की जानकारी उज्बेकिस्तान दूतावास को दी गई है।

धोखाधड़ी की धारा भी लगाई गई
एक विदेशी युवती के पास से जो आधार कार्ड मिला वह फर्जी है। उस पर लिखे नाम और पते से युवती का कोई लेना-देना नहीं है। छल के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाए गए थे। इसलिए पुलिस ने मुकदमे में धोखाधड़ी की धाराएं भी लगाई हैं।

भीमा ने पुलिस को बताए बदनाम होटलों के नाम

उम्र और पसंद बताइए। लड़की हाजिर है। भीमा उर्फ सुरेंद्र ने देह व्यापार के धंधे में अपनी यही पहचान बना रखी है। वह बहुत पुराना खिलाड़ी है। ताजनगरी में विदेशी युवतियों का पहला सप्लायर है। भीमा से एसपी सिटी ने लंबी पूछताछ की। उसने कई होटलों के नाम बताए। बताया कि इन होटलों में भी यही काम होता है। 

एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने बताया कि भीमा के पेट में जख्म थे। उसने बताया कि एक कार्यक्रम में फायरिंग के दौरान बैरल फट गया था। उसके पेट में छर्रे लगे थे। उसने यह काम आठ साल पहले शुरू किया था। बीच में कुछ समय के लिए यह काम बंद कर दिया। आर्थिक स्थिति खराब हुई तो फिर से इस काम में आ गया। उसने पुलिस को बताया कि दिल्ली में युवतियों के एजेंट होते हैं। वे ही युवतियों को भेजते हैं।

युवतियों को रुकाने की जिम्मेदारी उस एजेंट की होती है जो उन्हें बुलाता है। वे बजट होटलों में सेटिंग करके रखते हैं। आठ से दस कमरे प्रतिदिन की बुकिंग और ऊपर से कमीशन देते हैं। युवतियों के पास कोई पूरी रात गुजारने नहीं आता। एक से दो घंटे में ग्राहक चले जाते हैं। ग्राहक से कमरे का पूरा पैसा लिया जाता है। युवतियों को जो पैसा मिलता है उसमें उनका कमीशन होता है। चार हजार रुपये में उसे डेढ़ हजार रुपये मिलते थे। इसमें से 500 रुपये वह होटल वाले को दिया करता था। 

एसपी सिटी ने बताया कि भीमा ने ताजगंज, सिकंदरा, एत्मादुद्दौला, जगदीशपुरा आदि क्षेत्रों में कई होटलों के नाम बताए। यह दावा किया कि इन होटलों में भी यही काम होता है। कोरोना काल के चलते बड़ी संख्या में होटल घाटे में चल रहे हैं। अपने खर्चे निकालने के लिए ऐसे लोग भी इस अवैध काम में आ गए हैं जो पहले नियमों से चलते थे।

भीमा के मोबाइल में मिले नंबर

एसपी सिटी ने बताया कि भीमा के मोबाइल में दिल्ली के अलावा जयपुर, गोवा सहित कई जगहों के एजेंट के नंबर मिले हैं। उसने बताया कि दिल्ली, मुंबई, गोवा और कोलकाता। ये चारों देह व्यापार के गढ़ हैं। इन जगह से युवतियां दूसरे जिलों में ऑन डिमांड जाती हैं। पुलिस को भीमा के मोबाइल में बड़ी संख्या में आगरा के उन लोगों के नाम और नंबर मिले हैं जो उससे युवतियां लेते थे। एसपी सिटी ने बताया कि मोबाइल में बड़ी संख्या में होटल वालों के नंबर भी हैं। भीमा की व्हाट्स एप चैट खंगाली जा रही है। यह देखा जा रहा है कि वह किससे क्या बात किया करता था।

सफेदपोशों का रहता है संरक्षण

भीमा ने पुलिस को बताया कि होटल संचालक जुगाड़ होने पर ही अपने होटल में इस धंधे की इजाजत देते हैं। किसी का पुलिस वालों के साथ उठना-बैठना रहता है तो कोई नेताओं को खुश रखता है। थाना पुलिस को भी पता रहता है कि किस होटल में क्या चलता है। जिन होटलों में पुलिस कमरों की बुकिंग कराती है वहां कोई चेकिंग करने नहीं जाता है। जहां पुलिस मुफ्त में कमरे नहीं लेती है वहां छापे पड़ते हैं। वह ऐसे होटलों के नाम बता सकता है जहां प्रतिदिन युवतियां ऑन डिमांड बुलाई जाती हैं। उन होटल मालिकों के संबंध बड़े लोगों से हैं। देह व्यापार सिर्फ बजट होटलों में पकड़ा जाता है। सितारा होटलों में कभी चेकिंग तक नहीं होती है। जबकि वहां के कर्मचारी भी युवतियों की डिमांड करते हैं।

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