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शेयर बाजार में यूपी कैसे बना तीसरी बड़ी ताकत, कौन है नंबर एक और दो पर?

राज्य में बढ़ते कारोबार व निवेश के चलते शेयर बाजार में भी यूपी की ताकत बढ़ रही है। अब गुजरात व महाराष्ट्र के बाद यूपी तीसरी बड़ी ताकत बन गया है। यूपी के 52.3 लाख से अधिक  इंवेस्टर एकाउंट शेयर...

शेयर बाजार में यूपी कैसे बना तीसरी बड़ी ताकत, कौन है नंबर एक और दो पर?
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 26 Oct 2021 09:35 AM

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राज्य में बढ़ते कारोबार व निवेश के चलते शेयर बाजार में भी यूपी की ताकत बढ़ रही है। अब गुजरात व महाराष्ट्र के बाद यूपी तीसरी बड़ी ताकत बन गया है। यूपी के 52.3 लाख से अधिक  इंवेस्टर एकाउंट शेयर बाजार में दर्ज हो चुके हैं।  

अब उत्तर प्रदेश ना सिर्फ निवेशकों की पहली पसंद बन गया है , बल्कि शेयर बाजार में भी यूपी के निवेशक अप्रत्याशित प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके चलते ही अब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में यूपी के 50 लाख से अधिक निवेशक कारोबार कर रहे हैं। यह नया बदलाव है। बीते दो वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में यूपी से संबंधित निवेशक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) से जुड़े हैं।

बीएसई के अधिकारियों के अनुसार बीते 31 मई तक देश में कुल 6.9 करोड़ डीमेट खाते थे। जिसमें से 25 फीसदी खाते महाराष्ट्र से जबकि 85.9 खाते गुजरात से हैं। गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश से 52.3 लाख , तमिलनाडु 42.3 लाख और कर्नाटक से 42.2 लाख का नंबर है। इसके अलावा बंगाल से 39.5 लाख, दिल्ली से 37.3 लाख, आंध्र प्रदेश से 36 लाख, राजस्थान से 34.6 लाख, मध्य प्रदेश से 25.7 लाख, हरियाणा से 21.2 लाख, तेलंगन से 20.7 लाख, केरल से 19.4 लाख, पंजाब से 15.2 लाख और बिहार से 16.5 लाख डीमैट खाते हैं। 

सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक साल से अधिक समय के लिए उपयोग नहीं किये जाने वाले डीमैट खातों को असक्रिय माना जाता है। फिलहाल यूपी से शेयर बाजार में सक्रिय निवेशकों के डीमैट खाते बंद नहीं हुए हैं और लगातार यूपी से नए इन्वेस्टर अकाउंट शेयर बाजार में दर्ज हो रहे हैं। बीएसई के अधिकारियों के अनुसार ब्रोकरेज कंपनियों और शेयर बाजारों ने पिछले 18 महीनों के दौरान हर महीने 12 से 15 लाख नए डीमैट खाते खोले हैं। इनमें से चालीस फीसदी डीमैट खाते बीएसई से जुड़ी ब्रोकरेज कंपनियों द्वारा खोले गए। बीएसई ने पिछले 17 महीनों में सभी सदस्यों के लिए कुल मिलाकर लगभग 40 फीसदी निवेशक खाते जोड़े हैं। निवेशकों के खातों में बढ़ोत्तरी दर्शाता है कि ऑटोमेशन और मोबाइल ट्रेडिंग से स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश देश के हर हिस्से में पहुंच गया है। 


 

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