कानपुर में 65 तो बरेली में 35 फीसदी युवा कोरोना संक्रमित
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच युवाओं में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। युवा ज्यादा लापरवाह हो रहे। सतर्क बुजुर्गों के लिए थोड़ी राहत वाली बात है उनमें संक्रमण कम मिल रहा है। मंगलवार को मेडिकल...
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच युवाओं में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। युवा ज्यादा लापरवाह हो रहे। सतर्क बुजुर्गों के लिए थोड़ी राहत वाली बात है उनमें संक्रमण कम मिल रहा है। मंगलवार को मेडिकल कॉलेज से जारी आरटीपीसीआर रिपोर्ट में 65 फीसदी युवा संक्रमित मिले हैं। 400 पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट में 19-45 वर्ष आयु वर्ग के संक्रमितों की संख्या 260 है। इन आंकड़ों को दूसरी लहर का विश्लेषण कर रहे विशेषज्ञ इसे यूरोप की तर्ज पर संक्रमण फैलता हुआ मान रहे हैं।
महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार के मुताबिक, नई लहर के पहले दो सप्ताह में यह ट्रेंड नहीं था, मगर जैसे-जैसे हालात बिगड़ रहे हैं। वैसे युवाओं की ओर संक्रमण बढ़ते ट्रेंड में है। बुजुर्गों और बच्चों में संक्रमण लगभग बराबर मिल रहा है। सीएमओ डॉ. अनिल कुमार मिश्र के मुताबिक, युवाओं को चेतने का समय है। यह लापरवाही का नतीजा है कि इतनी बड़ी संख्या में युवा पॉजिटिव हो रहे हैं। वह समझते हैं, संक्रमण होगा ही नहीं। मगर यह वायरस किसी को छोड़ने वाला नहीं। इनमें सीटी वैल्यू भी कम पाई जा रही है। मास्क और सोशल डिस्टेंस ही एकमात्र बचाव का तरीका है।
80 फीसदी बिना लक्षणों वाले
अस्पतालों में भर्ती होने वाले 80 फीसदी युवा बिना लक्षणों वाले हैं। उनमें कोमार्विड भी कम हैं। हालांकि जो भी युवा भर्ती हो रहे हैं उनमें ऑक्सीजन लेवल की मात्रा कम मिल रही है। इलाज करने वाले प्रो. यशवंत राव के मुताबिक, युवाओं में रिकवरी के चांस अधिक होते हैं। फिर भी संक्रमण से बचाने के लिए युवा घर से कम निकलें। सीडीसी रिपोर्ट के मुताबिक, 18 से 45 वर्ष की आयु के बीच संक्रमितों में भी गम्भीर 07 से 15 फीसदी तक को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है।
बरेली में 2 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं इस साल
कोरोना संक्रमितों में इस बार युवाओं की तादाद बढ़ गई है। इस साल अब तक संक्रमित हुए 2 हजार से अधिक लोगों में करीब 35 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं, जिनकी उम्र 44 या इससे कम है। बीते साल संक्रमितों में बुजुर्गो की संख्या अधिक थी। कोविड-19 वायरस का हमला ऐसे लोगों के लिए अधिक खतरनाक माना जाता है, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। खासकर 50 साल या अधिक उम्र के लोगों को यह संक्रमण अपेक्षाकृत आसानी से नुकसान पहुंचा सकता है। इस साल कोरोना वायरस का हमला बीते साल से अधिक तेज होता दिख रहा है। साथ ही संक्रमितों में युवाओं की संख्या बढ़ी है। बीते साल 14 हजार से अधिक लोग संक्रमित हुए थे और उसमें 25 प्रतिशत ही युवा थे। इस बार 35 फीसदी युवा संक्रमितों में शामिल हैं।