Hindustan special: यहां मुफ्त मिलती रोजगार की ट्रेनिंग और रहना-खाना भी फ्री
यूपी के फिरोजाबाद रोड पर धरैरा स्थित परिसर में चल रहे रूडसेट संस्थान में मुफ्त रोजगार की ट्रेनिंग मिलती है और रहना-खाना भी फ्री है। हजारों लोग यहां लाभाविंत होते हैं।

बेरोजगारी अभिशाप नहीं। यदि आपके अंदर कौशल है तो आप कहीं भी नौकरी पा सकते हो। कौशल के साथ आपके अंदर जोखिम लेने की क्षमता है तो आप अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकते हैं। न सिर्फ अपने लिए जीविका का साधन बनाएंगे, दूसरों को नौकरी देने की स्थिति में भी रहेंगे। बेरोजगारों को यह कंसेप्ट सिखाते हुए उनके अंदर कौशल एवं जोखिम लेने की कुव्वत को विकसित करने का बीड़ा रूडसेट संस्थान (रुरल डेवलपमेंट एंड सेल्फ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) ने उठाया है।
उच्च शिक्षा के बावजूद भी जब नौकरी नहीं मिल पाती तो युवा तनाव में रहने लगते हैं। कई सर्वेक्षणों में यह बात सामने आ चुकी है कि युवा पढ़ाई तो पूरी कर लेते हैं, लेकिन उनमें स्किल यानी कौशल नहीं होता। बड़ी-बड़ी कंपनियां इसी वजह से प्लेसमेंट कैंप के बावजूद उन्हें काम पर नहीं रखतीं। कंपनियां चाहती हैं कि ऐसी कर्मियों की बहाली करें, ऐसे लोगों को काम पर रखें, जिनमें जरूरी स्किल हों। यही दिक्कत आती है खुद का रोजगार शुरू करने में भी। स्किल न हों तो अपना काम शुरू करना भी मुश्किल होता है।
फिरोजाबाद रोड पर धरैरा स्थित परिसर में चल रहे रूडसेट संस्थान की कार्यप्रणाली भी प्रभावित करती है। संस्थान प्रवर्तक यह मान कर चलते हैं कि बेरोजगार के पास इतनी राशि भी नहीं कि वह कौशल प्रशिक्षण की फीस चुका सकें। इसलिए इसकी फंडिंग का इंतजाम किया गया है। यहां प्रशिक्षण पाने वालों से कोर्स का कोई चार्ज नहीं लिया जाता है। प्रैक्टिकल के लिए जो मेटीरियल की आवश्यकता होती है, वह संस्थान द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। पढ़ाई के दौरान खाना भी मिलता है। जो प्रशिक्षणार्थी दूर दराज के क्षेत्रों से आते हैं उनके लिए निशुल्क ठहरने की व्यवस्था की जाती है।
हजारों बेरोजगार लाभान्वित हो चुके
साथ यहीं नहीं छूटता। उनसे लगातार संपर्क किया जाता है। फॉलोअप मीट होती हैं। अपडेट दिए जाते हैं। सरकारी योजनाओं को साझा किया जाता है। समय समय पर सेमिनार में उनको बुलाया जाता है। प्रशिक्षण पाने के बाद कारोबार शुरू करने के लिए बैंक से लोन दिलाने में मदद की जाती है। जो नौकरी के इच्छुक हैं, उनको भी सहयोग किया जाता है। कर्नाटक की श्री धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर एजूकेशन ट्रस्ट एवं केनरा बैंक के सहयोग से चल रहे इस प्रयास की बदौलत हजारों बेरोजगार लाभान्वित हो चुके हैं।
एक परिवार की तरह हैं
वरिष्ठ संकाय सदस्य गुरुदेव पचौरी कहते हैं कि यहां प्रशिक्षण पाने के बाद लोग रूडसेट परिवार के स्थायी सदस्य बन जाते हैं। अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं। उनका समाधान भी दिया जाता है। मार्केट के बदलाव के अनुसार कोर्स के मॉड्यूल में सुधार किया जाता है।
1997 से सक्रिय
संस्थान की आगरा में शुरुआत पथौली से हुई थी। उसके बाद सन 2008 में अपने स्वयं के परिसर में शिफ्ट कर दिया गया। लगभग 26 साल की सक्रियता में यहां हजारों लोग लाभान्वित हुए हैं।
संस्थान में अब तक प्रशिक्षित बेरोजगार: 18957
प्रशिक्षण के बाद स्वरोजगार करने वाले: 10202
प्रशिक्षण के बाद नौकरी करने वाले: 2903
प्रशिक्षण के कुल बैच की संख्या: 645
प्रशिक्षण के बाद लोन लेने वाले: 3962
